हैदराबाद:पौष्टिक आहार और पर्याप्त व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला है. लेकिन अच्छी गुणवत्ता वाली नींद समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो शारीरिक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक कल्याण को प्रभावित करती है. अच्छी नींद मांसपेशियों की वृद्धि, टिश्यू की मरम्मत और प्रतिरक्षा कार्य का समर्थन करती है, जबकि खराब नींद हार्ट संबंधी बीमारियों, शुगर और मोटापे के हाई रिस्क से जुड़ी होती है. संज्ञानात्मक रूप से, नींद स्मृति समेकन, समस्या-समाधान और निर्णय लेने में सहायता करती है, जबकि अभाव एकाग्रता को बाधित करता है, प्रतिक्रियाओं को धीमा करता है, और दीर्घकालिक संज्ञानात्मक गिरावट और अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों में योगदान देता है.
भावनात्मक रूप से, अपर्याप्त नींद तनाव, चिंता और टेंशन को बढ़ाती है, मेंटल हेल्थ समस्याओं को बढ़ाती है और दैनिक तनावों के प्रति फ्लेक्सिबिलिटी को कम करती है. खराब नींद प्रदर्शन और सुरक्षा को भी प्रभावित करती है, कम नींद सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है. ऐसे में चलिए आज अपको बताते है कि नींद संबंधी डिसऑर्डर के निदान में AI की भूमिका क्या होगी...
नींद संबंधी डिसऑर्डर के निदान में AI की भूमिका
IIT हैदराबाद CSLab के प्रमुख प्रोफेसर एस. बापीराजू और निमहंस बैंगलोर के चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किए गए संयुक्त शोध से पता चला है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ पॉलीसोम्नोग्राफी परीक्षण अनिद्रा से उत्पन्न होने वाली समस्याओं और विकारों को हल करने में मदद करता है. निमहंस में इलाज करा रहे अनिद्रा और मानसिक समस्याओं से पीड़ित रोगियों पर पॉलीसोम्नोग्राफी परीक्षण किए गए थे. जिसमें प्रोफेसर एस. बापीराजू ने रैपिड आई मूवमेंट और स्लो आई मूवमेंट (नॉन-रैपिड आई मूवमेंट) के माध्यम से उनकी समस्याओं का विश्लेषण किया. इसे जुलाई में जारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका 'टेक फॉरवर्ड' में प्रकाशित किया गया था.
वर्तमान में, अनिद्रा से पीड़ित कुछ लोग 5 हजार रुपये से 20 हजार रुपये में नींद की जांच करवा रहे हैं. अब उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े पॉलीसोम्नोग्राफी परीक्षण करवाने का अवसर मिलेगा। नींद की गुणवत्ता का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवाइस अनिद्रा और विकारों का पता लगाने के लिए मस्तिष्क, आंखों के कार्य और सांस लेने के पैटर्न का विश्लेषण करती है.