हैदराबाद:'पुष्पा 2: द रूल' का नया रिलीज हुआ गाना 'किसिक' म्यूजिक लवर्स के बीच धूम मचा रहा है. इस गाने को यूट्यूब पर लगभग 450 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. सीक्वल के इस नबंर डांस में श्रीलीला ने सामंथा की जगह ली है और अल्लू अर्जुन के साथ मिलकर जादू को फिर से बनाने की कोशिश की है. इस गाने को लेकर दिग्गज कोरियोग्राफर गणेश आचार्य, जिन्होंने ऊ अंतावा को भी कोरियोग्राफ किया है, अपना ओपिनियन दिया है.
गाने के कोरियोग्राफर गणेश आचार्य कहते हैं, 'किसिक ने पहले ही ऑनलाइन सुर्खियां बटोरी ली हैं. अभी हमने केवल एक झलक दिखाई है, जब यह गाना रिलीज होगा तो लोगों को इसका लेवल पता चलेगा. मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि 'किसिक', 'ऊ अंतावा' से 100 प्रतिशत बड़ा और बेहतर है. इसका नया अंदाज और मन मोह लेने वाला राइम पहले ही कई लोगों का दिल जीत चुका है'.
जब हुक स्टेप के बारे में पूछा गया, तो गणेश आचार्य ने चुटकी लेते हुए कहा, 'मेरे हर गाने में गणेश आचार्य का हुक स्टेप होता है'. आचार्य ने आगे कहा कि अल्लू अर्जुन और श्रीलीला के बेहतरीन डांस मूव्स के साथ गाने का मजा स्क्रीन पर सामने आएगा. उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, यह गाना स्टोरी को और भी बेहतर बनाता है. यह प्रमोशन के मुताबिक होगा और अनुभव को दूसरे स्तर पर ले जाएगा'
सूट के बीच कोरियोग्राफर गणेश आचार्य और अल्लू अर्जुन की बातचीत (PR Handout)
जब गणेश आचार्य से से पूछा गया कि क्या उन पर किसी तरह का दबाव है, तो आचार्य ने कहा, 'देखिए, मैं कभी किसी तरह के दबाव में काम नहीं करता. मैं हमेशा अपना बेस्ट परफॉर्म देना चाहता हूं. जब मैंने पुष्पा का पहला पार्ट किया था, तब भी मैंने अपना बेस्ट दिया था. मेरे लिए हर गाना जिसे मैं कोरियोग्राफ करता हूं, वह मेरे पहले गाने जैसा होता है. पुष्पा 1 और ऊ अंतवा का दबाव मुझ पर बिल्कुल भी नहीं है. मैंने पुष्पा सीक्वल में चार गाने कोरियोग्राफ किए हैं और मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि सभी चार गाने पुष्पा 1 से बेहतर हैं'.
कोरियोग्राफर गणेश आचार्य-अल्लू अर्जुन (PR Handout)
आचार्य ने श्रीलीला और अल्लू अर्जुन की भी तारीफ की. कोरियोग्राफर ने आगे कहा, 'पहले वाले से कोई तुलना नहीं है. मेरी तुलना सिर्फ मेरे काम से होती है, मैं इस पर जोर नहीं देता. श्रीलीला कमाल की डांसर हैं, वह एक बेहतरीन एक्ट्रेस भी हैं जो अपने आप में एक बड़ी बात है. जब यह गाना रिलीज होगा तो लोगों को इसका लेवल पता चल जाएगा'.
गाने के सेंसुअलिटी पर गणेश आचार्य कहते हैं, 'सेंसुअलिटी दिखाने के अलग-अलग तरीके हैं. मैं एक्टर्स को बहुत ज्यादा एक्सपोज करने में यकीन नहीं करता. सेंसुअल यानी कामुक दिखने के लिए एटीट्यूड ही काफी है. चाहे वह चिकनी चमेली हो, छम्मा छम्मा हो, बीड़ी जलाई ले. मैं जानता हूं कि एक एक्टर/डांसर को कैसे पेश करना है. दोनों सितारों ने गाने में एक खास एटीट्यूड लाया है. यह दर्शकों को पसंद आएगा'.
अल्लू अर्जुन और कोरियोग्राफर गणेश आचार्य की बातचीत (PR Handout)
आचार्य ने बॉलीवुड में अपने 30 साल के करियर में 200 से अधिक फिल्मों में 500 से अधिक गानों की कोरियोग्राफी की है और अब वे जिस 'मास्टर-जी' के नाम से जाने जाते हैं, उन्हें साउथ इंडस्ट्री या टॉलीवुड से कई बड़े ऑफर मिल रहे हैं.
आचार्य अल्लू अर्जुन के साथ अपने एक बेहतरीन रिश्ता के बारे में बताते हैं. पुष्पा और इसके सीक्वल के अलावा, उन्होंने दुव्वादा जगन्नाधम और सरैनोडु में भी एक्टर के लिए डांस कोरियोग्राफ किया है. वह कहते है, 'अल्लू अर्जुन मेरे दोस्त हैं. मैं उन्हें उनके निकनेम बनी से बुलाता हूं. मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं और वह भी मुझसे प्यार करते हैं. वह जानते हैं कि मास्टर-जी अनोखे कदम और तौर-तरीके लेकर आएंगे.'
अल्लू अर्जुन से बात करते कोरियोग्राफर गणेश आचार्य (PR Handout)
कोरियोग्राफर ने जूनियर एनटीआर के लिए देवरा में गाने और डांस को डायरेक्ट किया था. राम चरण के साथ उनकी आगामी रिलीज गेम चेंजर में काम किया है. बड़ी फिल्मों में काम करने को लेकर गणेश आचार्य से पूछा गया, 'क्या साउथ इंडस्ट्री में डांस मूव्स के मामले में कोई अलग जरूरत है?'
उन्होंने कहा, 'नहीं, ऐसा कुछ नहीं है. कई बार मैं सड़कों पर लोगों को देखकर हरकतें करता हूं. मैंने पुष्पा के डायरेक्टर को अल्लू अर्जुन के उस मशहूर मूव के बारे में बताया जिसमें आप उनके हाथ को उनकी ठोड़ी के नीचे से ऊपर की ओर जाते हुए देखते हैं जो आइकॉनिक बन गया है'.
हिंदी और साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बात करते हुए कोरियोग्राफर ने कहा, 'हिंदी और साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काम करने में ज्यादा फर्क नहीं है, बस इतना है कि इस समय साउथ अच्छा कर रहा है. लेकिन हां, साउथ में ज्यादा सिंसेरिटी है और वे कंटेंट को ज्यादा महत्व देते हैं. जबकि यहां बॉलीवुड में वे स्टारडम के पीछे भागते हैं. यहां सितारों की बात ज्यादा होती है. डायरेक्टर स्टार की बात सुनते हैं और अगर वे किसी चीज से सहज नहीं होते हैं तो बदलाव करते हैं. लेकिन साउथ में स्टार डायरेक्टर निर्देशकों की बात सुनते हैं. साउथ ज्यादा अनुशासित है. सितारे टाइम पर सेट पर आते हैं जबकि बॉलीवुड में मिसमैनेजमेंट है और स्टार ही फैसला करते हैं. पुष्पा 2 एक बेहतरीन अनुभव था. वहां केवल काम होता है, और कुछ नहीं.'
इंटरव्यू के दौरान ऐसा लगा कि गणेश आचार्य का सबसे बेहतरीन दौर 90 का दशक है, जब उन्होंने डांसिंग स्टार गोविंदा के लिए एक के बाद एक कई हिट गाने गाए. उन्होंने गोविंदा का जिक्र करते हुए कहा, 'गोविंदा मेरे हमेशा से फेवरेट रहे हैं. 'किसी डिस्को में जाएं', 'व्हाट इज योर मोबाइल नंबर', 'लैला लैला... कुर्ता फाड़ के', 'राम नारायण' जैसे कई गाने हिट हुए. 90 का दशक गोल्डन पीरियड था. लोग मुझसे उस तरह के गाने करने के लिए कहते हैं, लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि मैं वही नहीं कर सकता, भले ही हम उसी ट्रेंड को फॉलो कर रहे हों. लोग आज भी 50 के दशक में भगवान दादा की फिल्म 'अलबेला' के गाने 'भोली सूरत दिल के खोटे' को पसंद करते हैं और अगर वे इसे फिर से बनाते हैं तो थोड़ा अलग अनुभव और भाव होंगे. लोगों का टेस्ट नहीं बदलता, यह वही रहता है, बस हम अलग-अलग 'मसाले' डालते हैं और 'पकाने' का तरीका बदल देते हैं'.
अजीब बात यह है कि आचार्य को नॉन-डांसर को सिखाना आसान लगता है, लेकिन गोविंदा जैसे अच्छे डांसर को सिखाना बेहद मुश्किल. ऐसे टॉपिक पर बात करते हुए कोरियोग्राफर ने कहा, 'सनी देओल को सिखाना आसान है, लेकिन गोविंदा को सिखाना मुश्किल है. मैं सनी को जो भी कहता हूं, वह चुपचाप करता है, लेकिन हर बार मुझे गोविंदा के लिए नए स्टेप्स लाने पड़ते हैं, क्योंकि वह खुद एक बेहतरीन डांसर हैं और वह मुझसे पूछते हैं, ‘अरे, फिर से वही स्टेप’.
आचार्य हंसते हुए कहते हैं कि इन दिनों वह रणबीर कपूर, रणवीर सिंह और टाइगर श्रॉफ जैसे यंग स्टार के साथ ज्यादा काम कर रहे हैं. उनके बारे में वह कहते है, 'उनके साथ काम करना अच्छा लगता है. पिछली बार मैंने शाहरुख खान के साथ डंकी के लिए काम किया था'.
आखिर में जब उनसे पूछा गया कि उनकी सफलता का राज क्या है, तो उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ आपका काम है जो कुछ और नहीं कहता. आपको अपना काम अच्छे से पता होना चाहिए, चाहे वह बॉलीवुड हो, टॉलीवुड हो या हॉलीवुड. मैंने हमेशा अपने टैलेंट पर काम करने और उसे अपने गानों में दिखाने की कोशिश की है. हालांकि मैं तमिलियन हूं, लेकिन मेरा ताल्लुक बॉलीवुड से है. मैं हर इंडस्ट्री से प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं, चाहे वह साउथ, मराठी, भोजपुरी, पंजाबी या बॉलीवुड हो. मैं किसी के बीच भेदभाव नहीं करता. अगर मैं 42 साल से इंडस्ट्री में हूं और अभी भी मजबूती से आगे बढ़ रहा हूं, तो इसका श्रेय मेरे काम को जाता है, और कुछ नहीं'.
पुष्पा 2: द रूल 5 दिसंबर को कई भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज होगी. सीक्वल में अल्लू अर्जुन, फहद फासिल, रश्मिका मंदाना, जगदीश प्रताप बंडारी, राव रमेश और अनसूया भारद्वाज हैं. माइथ्री मूवी मेकर्स और सुकुमार राइटिंग्स द्वारा निर्मित, फिल्म का संगीत देवी श्री प्रसाद द्वारा तैयार किया गया है.