हैदराबाद: हेमा कमेटी रिपोर्ट सामने आने के बाद एक्ट्रेस से राजनेता बनी खुशबू सुंदर ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार पर खुलकर बात की है. खुशबू ने सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट साझा किया है, जिसमें उन्होंने उन महिलाओं की सराहना की जो अपने रुख पर अड़ी रहीं और विजयी हुईं. सुंदर ने उस समय के बारे में भी लिखा जब उनके पिता ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
आज, 28 अगस्त को खुशबू सुंदर ने अपने ऑफिशियल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लंबा नोट साझा करते हुए लिखा है, 'हमारे इंडस्ट्री में मी टू का यह क्षण आपको तोड़कर रख देता है. उन महिलाओं को बधाई जिन्होंने अपनी जमीन पर डटी रहीं और विजयी हुईं. दुर्व्यवहार को रोकने के लिए हेमा कमेटी की बहुत जरूरत थी. लेकिन क्या ऐसा होगा?'
एक्ट्रेस ने आगे लिखा है, 'दुर्व्यवहार, सेक्सुअल फेवर मांगना और महिलाओं से पैर जमाने या अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए समझौता करने की अपेक्षा करना हर क्षेत्र में मौजूद है. एक महिला को अकेले ही क्यों इन सब से गुजरना पड़ता है? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है'.
खुशबू ने अपनी बेटियों से की बातचीत
नोट में आगे लिखा है, 'इस मुद्दे पर मेरी 24 साल और 21 साल की बेटियों के साथ लंबी बातचीत हुई. पीड़ितों के प्रति उनकी सहानुभूति और समझ देखकर मैं चकित रह गई. वे दृढ़ता से उनका समर्थन करती हैं और इस मोड़ पर उनके साथ खड़ी हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप आज बोलें या कल, बस बोलें. तुरंत बोलने से घाव भरने और ज्यादा प्रभावी ढंग से जांच करने में मदद मिलेगी'.
"तुमने ऐसा क्यों किया?" या "तुमने ऐसा क्यों किया?" जैसे सवाल
खुशबू ने पीड़िता की परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए लिखा है, 'शर्मिंदा होने का डर, पीड़ित को दोषी ठहराना और "तुमने ऐसा क्यों किया?" या "तुमने ऐसा क्यों किया?" जैसे सवाल उसे तोड़ देते हैं. पीड़ित आपके या मेरे लिए अजनबी हो सकता है, लेकिन उसे हमारे समर्थन, सुनने के लिए कान और हम सभी से इमोशनल सपोर्ट की आवश्यकता है. जब हम यह सवाल करते हैं कि उसने पहले क्यों नहीं बताया, तो हमें उसकी परिस्थितियों के बारे में सोचने की जरुरत पर विचार करने की आवश्यकता है- हर किसी को बोलने का विशेषाधिकार नहीं है'.
'और जब वह पवित्रता टूट जाती है, तो...'
एक मां और महिला की मन की बात करते हुए खुशबू सुंदर ने लिखा है, 'एक महिला और एक मां के रूप में, इस तरह की हिंसा से मिले घाव न केवल शरीर में बल्कि आत्मा में भी गहरे घाव करते हैं. क्रूरता के ये कृत्य हमारे विश्वास, हमारे प्यार और हमारी ताकत की नींव को हिला देते हैं. हर मां के पीछे, पालन-पोषण और सुरक्षा की इच्छा होती है, और जब वह पवित्रता टूट जाती है, तो इसका असर हम सभी पर पड़ता है'.
पिता के दुर्व्यवहार के बारे में बोलीं खुशबू
अपने पिता के दुर्व्यवहार के बारे में खुशबू ने लिखा है, 'कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने पिता के दुर्व्यवहार के बारे में बोलने में इतना समय क्यों लगा. मैं मानती हूं कि मुझे पहले ही बोल देना चाहिए था. लेकिन मेरे साथ जो हुआ, वह मेरे करियर को बनाने के लिए कोई समझौता नहीं था. मुझे उस व्यक्ति के हाथों दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा, जो मुझे गिरने पर सहारा देने के लिए सबसे मजबूत बाहें देने वाला था'.