पटना: केंद्र सरकार के यू डायस पोर्टल पर राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को अपना रजिस्ट्रेशन करना है और उनमें सभी जानकारी को भरनी है. प्रदेश के 25000 के करीब प्राइवेट विद्यालयों में 4563 ऐसे स्कूल हैं जिनका यू डायस रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. पटना में ऐसे विद्यालयों की संख्या 120 है.
शिक्षा विभाग भेज रही नोटिस: इन विद्यालयों को शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय बंद करने के लिए नोटिस भेजा जाना शुरू हो गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से विद्यालयों को पत्र भेजा जा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि बिहार में जिन निजी विद्यालयों को नोटिस भेजा गया है, उनमें कई ऐसे विद्यालय भी हैं जिन्होंने पोर्टल से जुड़ने के लिए अप्लाई किया हुआ है.
क्यों नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन: विभागीय शिथिलता और अन्य कर्म के कारण उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. ऐसे में इन विद्यालयों के ऊपर कारवाई नहीं होनी चाहिए. शिक्षा विभाग को इनका जल्द से जल्द यू डायस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर देना चाहिए. इसके अलावा जो रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं उनसे जानना चाहिए कि क्या दिक्कत हो रही है. वह भी पोर्टल से जुड़े इसके लिए शिक्षा विभाग को कोशिश करनी चाहिए.
बच्चों को आ रही समस्या: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस केंद्र सरकार की बहुत ही खूबसूरत पहल है. हालांकि एक समस्या यह भी आ रही है कि यू डायस पर रजिस्टर्ड प्राइवेट विद्यालय के जो बच्चे आठवीं कक्षा के बाद नौवीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में एडमिशन लेने जा रहे हैं, तो उनका एडमिशन नहीं हो रहा है.
नामांकन में आ रही दिक्कत:यू डायस पोर्टल का एक उद्देश्य यह भी था कि बच्चे जब स्कूल स्थानांतरित कर तो एक स्कूल से दूसरे स्कूल में नामांकन में परेशानी ना हो. बच्चों के सभी डाटा पोर्टल पर उपलब्ध रहते हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग को भी ध्यान देना चाहिए कि जो प्राइवेट विद्यालय से सरकारी विद्यालय के लिए नौवीं कक्षा में शिफ्ट हो रहे हैं, उनके नामांकन में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए.
गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की पहल: शमायल अहमद ने कहा कि यू डायस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने से प्राइवेट विद्यालयों का मुख्य फायदा यह है कि उन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी है. वहीं इसका सारा पैसा सरकार स्कूल को उपलब्ध कराती है.