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देश में नई सरकार बनने से पहले विदेशी तिजोरियों से सोना क्यों निकाल रहा RBI, जानिए वजह - Foreign Vaults - FOREIGN VAULTS

Foreign Vaults : एक ओर देश में नई सरकार बनने वाली है. वहीं दूसरी तरफ हाल ही में यह खबर सामने आई है कि RBI के द्वारा विदेश में रखे 100 से ज्यादा सोनाघरेलू तिजोरी में ट्रांसफर किया गया है और आने वाले दिनों में लगभग इतनी ही मात्रा में और सोना भारत लाया जाएगा. पढ़ें आखिर RBI के द्वारा यह कदम क्यों उठाया जा रहा है...

Foreign Vaults
विदेशी तिजोरियों से सोना क्यों निकाल रहा RBI (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 3, 2024, 4:17 PM IST

Updated : Jun 3, 2024, 7:55 PM IST

हैदराबाद:भारतीय रिजर्व बैंक ब्रिटेन से लगभग 100 टन (एक लाख किलोग्राम) सोना भारत लाया है. 1991 में भारत के फॉरेन एक्सचेंज क्राइसिस का सामना करने के बाद यह पहली बार है कि इतनी बड़ी मात्रा में सोना वापस लाया गया है. आरबीआई को आने वाले महीनों में और अधिक सोना वापस लाने की उम्मीद है. ये सब देखकर कई लोगों के मन में ये शंका हो रही होगी कि हमारे देश का सोना विदेश में क्यों रखा जाता है. तो आइए इस खबर के माध्यम से जानें पूरा मामला...

स्वर्ण भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखा गया सोना होता है, जो वित्तीय वादों के लिए बैकअप और मूल्य के भंडार के रूप में कार्य करता है. भारत, अन्य देशों की तरह, जोखिम को कम करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने कुछ स्वर्ण भंडार को विदेशी तिजोरियों में संग्रहीत करता है.

मूल स्वर्ण भंडार क्यों?
केंद्रीय बैंक कई कारणों से सोने का भंडार रखते हैं. विशेषकर आर्थिक अनिश्चितताओं के दौरान सोने का मूल्य स्थिर रहता है. सोना आसानी से नकदी में परिवर्तित हो जाता है, जो राष्ट्रीय वित्त के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है. सोना रखने से घरेलू और विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने में मदद मिलती है. मूलतः यह केवल एक मुद्रा पर निर्भरता को कम करता है.

भारत का स्वर्ण भंडार कितना है?
RBI की वार्षिक रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत के पास घरेलू स्तर पर 308 मीट्रिक टन सोना है. इसके अतिरिक्त, 100.28 टन सोना बैंकिंग विभाग की संपत्ति है. विदेश में हमारा सोना 413.79 मीट्रिक टन है. इन सबको मिला कर भारत के पास कुल 800.78 मीट्रिक टन सोना है. बता दें, स्थानीय सोना मुंबई और नागपुर में उच्च सुरक्षा वाली तिजोरियों में संग्रहीत किया जाता है.

827.69 मीट्रिक टन सॉवरेन गोल्ड होल्डिंग्स के साथ
भारत दुनिया में नौवें स्थान पर है. 8,133.5 मीट्रिक टन सोने के भंडार के साथ अमेरिका टॉप पर है. वहीं, जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन, स्विट्जरलैंड और जापान के पास भी सोने के महत्वपूर्ण भंडार हैं.

अमेरिका 8,1336.46
जर्मनी 3,352.65
इटली 2,451.84
फ्रांस 2,436.88
रूस 2,332.74
चीन 2,191.53
स्विट्जरलैंड 1,040.00
जापान 845.97
भारत 800.78
नीदरलैंड 612.45

NOTE -सभी आंकड़े मीट्रिक टन में है.

विदेश में सोना क्यों रखें?
भारत, कई अन्य देशों की तरह, अपने सोने के भंडार का एक हिस्सा विदेशी तिजोरियों में संग्रहीत करता है. दूसरे देशों में सोना जमा करने से भौगोलिक, राजनीतिक अस्थिरता या क्षेत्रीय संघर्षों से सुरक्षा मिलती है. लंदन, न्यूयॉर्क और ज्यूरिख जैसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों में रखे गए सोने का उपयोग अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, एक्सचेंज या ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है.

विदेशों में सोना जमा करने के ऐतिहासिक और सुरक्षा कारण भी हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) जैसे संस्थानों की प्रतिष्ठा विश्वसनीय संरक्षक के रूप में है. इसीलिए भारत इनमें अपना सोना जमा कर रहा है.

विदेश से क्यों वापस लाया गया सोना
विदेशों में सोना जमा करने से भारत के लिए व्यापार करना, स्वैप में शामिल होना और रिटर्न कमाना आसान हो जाता है. हालांकि, इसमें जोखिम भी शामिल है, खासकर भू-राजनीतिक तनाव और युद्ध के समय. पश्चिमी देशों द्वारा हाल ही में रूसी परिसंपत्तियों को फ्रीज करने से विदेशों में रखी गई परिसंपत्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं और आरबीआई द्वारा स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा भारत में स्थानांतरित करने का निर्णय इन चिंताओं के कारण लिया गया हो सकता है.

ये हैं प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सोने की तिजोरियां!
बैंक ऑफ इंग्लैंड सोने के भंडार का मुख्य संरक्षक है. इसमें व्यापक निगरानी प्रणाली और सख्त पहुंच प्रोटोकॉल सहित व्यापक सुरक्षा व्यवस्था शामिल है. ब्रिटेन के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध और बैंक की प्रतिष्ठा यहां सोना जमा करने का एक प्रमुख कारण है.

बेसल, स्विट्जरलैंड में स्थित, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय सहयोग की सुविधा प्रदान करता है. यह केवल केंद्रीय बैंकों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को ही बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है. यहां सोने के भंडार की सुरक्षा और पहुंच अच्छी है.

अमेरिका में फोर्ट नॉक्स, न्यूयॉर्क के फेडरल रिजर्व बैंक, जर्मनी में डॉयचे बुंडेसबैंक, फ्रांस में बैंके डी फ्रांस, स्विट्जरलैंड में स्विस नेशनल बैंक और ज्यूरिख वॉल्ट में भी सोना जमा होता है. इन सभी में सोना रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है

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Last Updated : Jun 3, 2024, 7:55 PM IST

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