नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत एक विकल्प के रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अधिसूचित किया है. इसका उद्देश्य सुनिश्चित पेमेंट और स्पेसिफिक रिटायरमेंट बेनेफिट्स प्रदान करना है. मूल पेंशन के अलावा इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ता भी मिलेगा.
पेंशन फंड रेगूलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (PFRDA) यूपीएस रेगूलेशन की देखरेख करेगा और ओपरेशनल संबंधी गाइडलाइंस प्रदान करेगा. योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी.
बता दें कि जो कर्मचारी सुपरएनुएशन, एफआर 56(जे) रिटायरमंट, या 25 साल के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं, उन्हें यूपीएस के तहत लाभ की गारंटी दी जाती है, लेकिन जो कर्मचारी आवश्यकताओं को पूरा करने से पहले इस्तीफा दे देते हैं या डिसिपलिनरी कारणों से निकाल दिए जाते हैं, वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत ये लाभ पाने के पात्र नहीं हैं.
10 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट
कर्मचारी अगर न्यूनतम 10 साल की सर्विस पूरी करने के बाद रिटायर होते हैं, तो वे अपनी रिटायरमेंट की डेट (आधिकारिक सेवानिवृत्ति आयु) से शुरू होने वाले सुनिश्चित भुगतान के लिए पात्र होते हैं. इसके अलावा वे कर्मचारी जो कम से कम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं, वे भी इसके पात्र हैं.
वहीं, सरकार द्वारा फंडामेंटल रूल्स (एफआर) 56 (जे) के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी भी इसके लिए पात्र हैं. गौरतलब है कि यह सेवानिवृत्ति केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के अंतर्गत कोई दंड नहीं है.
यूपीएस के लिए कौन पात्र नहीं है?
किसी कर्मचारी के निष्कासन, बर्खास्तगी या त्यागपत्र की स्थिति में सुनिश्चित भुगतान प्रदान नहीं किया जाएगा. ऐसे मामलों में यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विकल्प लागू नहीं होगा.
यूपीएस के तहत सुनिश्चित भुगतान नियम क्या हैं?
24 जनवरी 2025 को वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में बताई गई अन्य शर्तों के अधीन इस योजना के तहत सुनिश्चित भुगतान से पहले पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत है. यह पूर्ण भुगतान केवल उन कर्मचारियों को उपलब्ध है, जिन्होंने कम से कम 25 साल की सर्विस की है.