नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में बताया गया कि इस साल अक्टूबर में करीब 1.345 करोड़ सब्सक्राइबर्स ने मोबाइल नंबर पोर्ट (एमएनपी) के लिए आवेदन किया था. इस कारण अब तक दर्ज किए गए एमएनपी आवेदनों का संचयी आंकड़ा अक्टूबर में बढ़कर 105.25 करोड़ हो गया है, जो कि सितंबर में 103.9 करोड़ हो गया है.
ट्राई के मुताबिक, अक्टूबर में एक्टिव वायरलेस सब्सक्राइबर्स की संख्या 106.66 करोड़ है. 1,175 ऑपरेटरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अक्टूबर के अंत तक कुल ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 94.14 करोड़ थी.
अक्टूबर के अंत तक कुल वायरलेस ग्राहकों की संख्या 115 करोड़ थी, जिसमें 0.29 प्रतिशत की मामूली मासिक गिरावट दर्ज की गई. वायरलाइन ग्राहकों की संख्या सितंबर के अंत में 3.6 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर के अंत में 3.7 करोड़ हो गई है. निजी कंपनियों के पास 31 अक्टूबर तक वायरलेस ग्राहकों का 91.78 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास केवल 8.22 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या सितंबर के अंत में 5.46 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर के अंत में 5.61 करोड़ हो गयी. भारती एयरटेल लिमिटेड के पास सबसे अधिक एम2एम सेलुलर मोबाइल कनेक्शन 2.9 करोड़ हैं, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 51.82 प्रतिशत है. भारत में कुल टेली-घनत्व सितंबर के अंत में 84.69 प्रतिशत था, जो अक्टूबर के अंत में घटकर 84.46 प्रतिशत पर था.
इसी अवधि के दौरान शहरी टेली-घनत्व 131.31 प्रतिशत था, जबकि ग्रामीण टेली-घनत्व 58.39 प्रतिशत था. अक्टूबर के अंत में कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी क्रमशः 55.58 प्रतिशत और 44.42 प्रतिशत थी. अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो के पास 47.48 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं.
वहीं, भारती एयरटेल के पास 28.7 करोड़, वोडाफोन आइडिया के पास 12.5 करोड़ और बीएसएनएल के पास 3.6 करोड़ ग्राहक हैं. कुल बाजार हिस्सेदारी में रिलायंस जियो 39.99 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है, उसके बाद भारती एयरटेल 33.50 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल के पास क्रमशः 18.30 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है.
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