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जल्दी कर लें निवेश, वरना हाथ से निकल जाएगा ज्यादा ब्याज कमाने का मौका! जानिए क्यों - Interest Rates On FD

Interest Rates On FD- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि RBI अक्टूबर से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है. एजेंसी ने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष में दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

Interest Rates On FD
(प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 13, 2024, 12:32 PM IST

नई दिल्ली:जब भी हम बचत की बात करते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आता है. हालांकि इस दौर में हमारे पास निवेश के कई विकल्प हैं, लेकिन लोग अभी भी सुरक्षित निवेश के लिए FD पर भरोसा करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि FD में निवेश सुरक्षित होता है और इसमें रिटर्न की गारंटी होती है. कुछ लोग ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में म्यूचुअल फंड में निवेश करने लगे हैं. क्या आप अभी FD में निवेश करने की योजना बना रहे हैं? अगर आप ऐसा करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको जल्दी से ऐसा कर लेना चाहिए क्योंकि आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में कमी कर सकता है.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्टूबर से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है. ब्याज दरों में यह बदलाव मौसम की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी कीमतों जैसे बाहरी कारणों पर निर्भर करेगा. एजेंसी ने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष में दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है.

हाल ही में RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने हाल ही में अपनी घोषणा में उल्लेख किया कि उन्होंने उच्च खाद्य महंगाई के कारण अभी के लिए समान ब्याज दर रखने का फैसला किया है. समिति ने कहा कि वे इस तरह के महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों की निगरानी करेंगे. यह भी अनुमान लगाया गया कि आर्थिक माहौल में जल्द ही सुधार होगा, जिससे दरों में कटौती के लिए सही माहौल बनेगा.

क्रिसिल ने अपने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि पिछले साल की तुलना में इस साल कृषि की संभावनाएं बेहतर होने के कारण ब्याज दरों में कटौती की चुनौती कम होने की उम्मीद है. मानसून का मौसम सामान्य से बेहतर रहा है. देश में प्रमुख फसलों की खेती ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है.

सितंबर तक कृषि परिदृश्य स्पष्ट हो जाएगा, जिसके बाद दरों में कटौती हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने हाल ही में घोषणा की है कि वे रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखेंगे.

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