दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

अलर्ट! भारतीयों ने सिर्फ 4 महीने में गवाएं ₹120 करोड़, इन देशों ने बनाया सबसे ज्यादा निशाना - DIGITAL ARREST FRAUDS

सरकारी साइबर अपराध आंकड़ों के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही में भारतीयों को डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी में 120.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Digital arrest frauds
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 28, 2024, 10:49 AM IST

नई दिल्ली:इस साल की पहली तिमाही के दौरान अकेले डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी से भारतीयों को 120.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. गृह मंत्रालय (एमएचए) के आंकड़ों का हवाला देते हुए इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्टमें बताया गया है. इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 27 अक्टूबर, 2024 को मन की बात के 115वें एपिसोड में भी उठाया था.

इन देशों ने भारतीय को सबसे अधिक लूटा
रिपोर्ट के अनुसार, इस पीरियड में डिजिटल गिरफ्तारियां, ट्रेडिंग घोटाले, निवेश घोटाले और रोमांस/डेटिंग घोटाले सहित ऐसे डिजिटल धोखाधड़ी के 46 फीसदी मामलों में म्यांमार, लाओस और कंबोडिया स्थित घोटालेबाज शामिल थे. इसमें पीड़ितों को कुल 1,776 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

इतने का हुआ नुकसान
भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ितों ने ट्रेडिंग घोटालों में 1,420.48 करोड़ रुपये, निवेश घोटालों में 222.58 करोड़ रुपये और रोमांस/डेटिंग घोटालों में 13.23 करोड़ रुपये गंवाए है.

इतने शिकायत हुए
1 जनवरी से 30 अप्रैल, 2024 के बीच 7.4 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 2023 में 15.56 लाख शिकायतें, 2022 में 9.66 लाख शिकायतें और 2021 में 4.52 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं.

ऐसे लूटे जाते है
रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में स्थित साइबर अपराध संचालन भ्रामक रणनीतियों की एक चेन का यूज करते हैं, जिसमें फर्जी रोजगार के अवसरों के साथ भारतीयों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का फायदा उठाकर भर्ती प्रयास शामिल हैं.

डिजिटल अरेस्ट क्या हैं?
पीड़ितों को एक कॉल आती है जिसमें कॉलर दावा करता है कि उन्होंने अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या अन्य सामान वाले पार्सल भेजे हैं या भेजेंगे. कुछ अन्य मामलों में, घोटालेबाज पीड़ितों के दोस्तों और परिवार को कॉल करके बताते हैं कि पीड़ित किसी अपराध में शामिल है.

वे वर्दी पहनकर और कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करके वीडियो कॉल के जरिए अपने शिकार को निशाना बनाते हैं और फिर मामले को बंद करने के लिए पैसे की मांग करते हैं.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details