नई दिल्ली:रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने कहा कि 2031 तक भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. हालांकि, भारत को श्रम उत्पादकता, बुनियादी ढांचे, सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र के योगदान और सतत विकास के लिए अर्थव्यवस्था को हरित बनाने से संबंधित विभिन्न चुनौतियों से पार पाना होगा. उन्होंने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही.
माइकल डी पात्रा ने कहा कि जिन अंतर्निहित शक्तियों का वर्णन किया है. अपने आकांक्षात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के संकल्प को देखते हुए, यह कल्पना करना संभव है कि भारत अगले दशक में 2048 तक नहीं, बल्कि 2031 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने आगे कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि अगर भारत अगले 10 सालों में प्रति वर्ष 9.6 फीसदी की दर से विकास कर सकता है, तो यह निम्न मध्यम आय के जाल से मुक्त हो जाएगा और एक विकसित अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
उन्होंने कहा कि इन लाभों को दो मील के पत्थरों के साथ प्रति व्यक्ति आय में प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है. मध्यम आय वाले देश का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रति व्यक्ति आय का स्तर 4516-14,005 अमेरिकी डॉलर होना चाहिए, और उस स्तर से आगे बढ़कर आज विकसित देश का दर्जा प्राप्त करना चाहिए. विकसित देश की सीमा 34,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ जाएगी.