नई दिल्ली:रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में पानी की कमी का संकट देश की क्रेडिट सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. साथ ही सामाजिक अशांति को बढ़ावा दे सकता है. इसके आर्थिक विकास में अस्थिरता को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, मूडीज ने कहा कि कोयला बिजली जनरेटर और स्टील निर्माता पानी के तनाव के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, पानी की आपूर्ति में कमी से कृषि उत्पादन और औद्योगिक संचालन बाधित हो सकता है. इसके परिणामस्वरूप खाद्य कीमतों में महंगाई और प्रभावित व्यवसायों और समुदायों की आय में गिरावट आ सकती है. जबकि सामाजिक अशांति को बढ़ावा मिल सकता है. यह भारत के विकास में अस्थिरता को बढ़ा सकता है और अर्थव्यवस्था की झटकों को झेलने की क्षमता को कमजोर कर सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के विकास के साथ तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण का अनुभव कर रहा है, जो पहले से ही सीमित जल संसाधनों पर दबाव को बढ़ा रहा है. देश में औद्योगिक और शहरी विकास की पर्याप्त संभावना है. इसमें औद्योगिक क्षेत्र 2022 में सकल घरेलू उत्पाद में 25.7 फीसदी का योगदान देगा, जो विश्व बैंक द्वारा रिपोर्ट किए गए G-20 उभरते बाजार के 32 फीसदी के औसत से कम है.
इसके अलावा 2022 में शहरी निवासियों की कुल आबादी में केवल 36 फीसदी हिस्सेदारी थी. यह आंकड़ा G-20 उभरते बाजार के 76 फीसदी के औसत को देखते हुए बढ़ने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक और शहरी विस्तार की ओर यह प्रवृत्ति व्यवसायों और निवासियों के बीच जल संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी.