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आर्थिक सर्वे में रोजगार क्षेत्र में बढ़ोतरी, EPFO मेंबर्स की संख्या में बंपर इजाफा - FORMAL EMPLOYMENT SECTOR

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश किए गए आर्थिक सर्वे के अनुसार अप्रैल-नवंबर 2024 में ईपीएफओ मेंबर्स की वृद्धि 95.6 लाख तक पहुंच गई.

Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 31, 2025, 5:53 PM IST

नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश किया. इसमें कहा गया है कि औपचारिक रोजगार क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. सर्वे के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सदस्यता वित्त वर्ष 19 में 61 लाख के मुकाबले वित्त वर्ष 24 में 131 लाख हो गई है.

आर्थिक सर्वे 2024-25 के अनुसार अप्रैल-नवंबर 2024 में ईपीएफओ मेंबर्स की वृद्धि 95.6 लाख तक पहुंच गई. इसमें मुख्य रूप से युवाओं की संख्या ज्यादा थी. 18 से 25 वर्ष की आयु के वर्कर्स ने पेरोल वृद्धि में 47 प्रतिशत का योगदान दिया है.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है, "यह औपचारिक रोजगारके बढ़ते रुझान को दर्शाता है, जो वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता तक पहुंच को बढ़ाता है. सरकारी पहल नौकरी बाजार के औपचारिकीकरण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है."

सर्वे के मुताबिक 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से लगातार कम होकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है. वहीं, श्रम बल भागीदारी दर और वर्कर-टू-पॉपुलेशन रेशियों में भी वृद्धि हुई है.

रोजगार पैदा करने का अवसर
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत की लेबर मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इंटिग्रेशन प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, वर्कफोर्स की गुणवत्ता बढ़ाने और रोजगार सृजन का अवसर देता है, बशर्ते कि सिस्टमैटिक चुनौतियों को मजबूत संस्थागत ढांचे के माध्यम से प्रभावी ढंग से संबोधित किया जाए. भारत में युवा और एडेप्टिबल वर्कफोर्स के चलते एआई को अपनाने से आर्थिक विकास को समर्थन और लेबर मार्रकेट के परिणामों में सुधार करने की क्षमता मिलती है.

शिक्षा और कौशल विकास को प्राथमिकता
आर्थिक सर्वे के अनुसार, "शिक्षा और कौशल विकास को प्राथमिकता देना, श्रमिकों को एआई-ऑगमेंट परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक योग्यताओं से लैस करने के लिए महत्वपूर्ण होगा. एआई के वैश्विक प्रारंभिक चरण का लाभ उठाकर, भारत के पास अपनी वर्क फोर्स को मानव और मशीन इंटेलिजेंस के बीच सहयोग करके एक परिभाषित भविष्य तैयार करने का अवसर है."

रोजगार पैदा करने में रेगूलेशन की भूमिका
बिजनेस डेवलपमेंट के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का एक प्रमुख पहलू व्यापार करने में आसानी और लेबर मार्केट में फ्लेक्सबलिटी बढ़ाना है. इस संबंध में सरकार ने श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए काम किया है.

डिजिटल अर्थव्यवस्था के माध्यम से रोजगार के अवसर
आर्थिक सर्वे के अनुसार डिजिटल अर्थव्यवस्था ने रोजगार के अवसरों को काफी हद तक व्यापक बना दिया है, जिसमें डिलीवरी कर्मियों, कैब ड्राइवरों और ब्यूटी प्रोफेशन्लस से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और डेटा विश्लेषकों तक की भूमिकाएं शामिल हैं. हाइपरलोकल सर्विस प्लेटफॉर्म ने परिवहन, फूड डिस्ट्रिब्यूशन और घरेलू सेवा उद्योगों में रोजगार परिदृश्य में क्रांति ला दी है.

रेन्युबल एनर्जी में नौकरियां
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 2023-24 में रोजगार परिदृश्य को लेकर जलवायु परिवर्तन और ग्रीन ट्रांजिशन के प्रभाव पर चर्चा की गई. ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाकर और हरित ऊर्जा विकल्पों में परिवर्तन करके जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के प्रयासों से रोजगार सृजन पर मजबूत प्रभाव देखने को मिलने की उम्मीद है.

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