नई दिल्ली:लोग अक्सर वसीयत बनाने को लेकर टाल-मटोल करते हैं, क्योंकि इसे लेकर कई तरह की मीसकंसेप्शन और डर हैं. लेकिन, वसीयत सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है. बल्कि एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी इच्छाएं पूरी हों और उसके अपनो का ख्याल उसकी इच्छा के अनुसार रखा जाए. पारंपरिक तरीकों से वसीयत बनाने में बहुत समय और पैसा लगता है, लेकिन आप इसे आसान तरीके से और किफायती कीमत पर बनवा सकते हैं, वो भी ऑनलाइन.
आमतौर पर लोगों को यह नहीं पता होता कि वसीयत ऑनलाइन भी बनवाई जा सकती है. ऑनलाइन वसीयत उन लोगों के लिए खास है जो ज्यादा समय नहीं दे सकते और कहीं जाना नहीं चाहते. वकीलों से संपर्क करने की भी जरूरत नहीं है. भारत में ज्यादातर लोग ऑनलाइन वसीयत बना सकते हैं. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लिए शरिया कानूनों में विशेषज्ञता की जरूरत के कारण उन्हें व्यक्तिगत और विशेष सेवाएं लेनी पड़ती हैं.
मनीकंट्रोल के मुताबिक, ऑनलाइन वसीयत की कीमत सेवा प्रोवाइडर और वसीयत की जटिलता पर निर्भर करती है. कुछ प्लेटफॉर्म एक निश्चित शुल्क पर सरल वसीयत की पेशकश करते हैं, जबकि अन्य आपकी संपत्ति और लाभार्थियों की संख्या के आधार पर शुल्क लेते हैं. उदाहरण के लिए, विलजिनी की शुरुआती कीमत 5,500 रुपये है, जबकि वकीलसर्च की शुरुआती कीमत 4,499 रुपये है. ध्यान दें कि इसमें स्टांप ड्यूटी और अन्य खर्च शामिल नहीं हैं.
वसीयत कब जरूरी है
आपको शादी, बच्चों के जन्म, संपत्ति के अधिग्रहण, व्यवसाय शुरू करने या किसी बड़े कार्यक्रम के समय वसीयत बनानी चाहिए. इसके अलावा हर 3-5 साल में अपनी वसीयत को अपडेट करना भी जरूरी है, ताकि बदलती परिस्थितियों के हिसाब से उसमें आपकी इच्छाएं झलकें.