नई दिल्ली:सरकार आज 9 अगस्त को संसद में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने वाली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संशोधनों में खाताधारकों के नामांकित व्यक्तियों की संख्या में बदलाव से लेकर सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल में बदलाव शामिल हो सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएसयू बैंकों में हिस्सेदारी कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
बजट 2021 में सरकार ने दो पीएसयू बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा लगता है कि इसे स्थगित कर दिया गया है क्योंकि विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. एक अन्य प्रस्तावित बदलाव निदेशक पदों के लिए पर्याप्त ब्याज को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है, जो लगभग छह दशक पहले तय की गई 5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा के बजाय 2 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है.
लोकसभा की संशोधित कार्य सूची के अनुसार कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज दिन में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने वाली हैं.
इसके अलावा, सहकारी बैंकों के संबंध में कुछ बदलाव हैं. इसके अलावा, विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रयास किया गया है.