मुंबई: महाराष्ट्र की 83 सीटों पर दो शिवसेना और दो एनसीपी के बीच सीधा मुकाबला है. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जहां सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा संभाल लिया है, वहीं असली लड़ाई भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी के बीच है.
राज्य में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी पार्टियों को अलग कर लिया, जिसके बाद दो शिवसेना और दो एनसीपी पार्टियां बन गईं. इसके बाद असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है? यह लड़ाई लोकसभा चुनाव में देखने को मिली थी. इसका फायदा महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में मिला था. अब चूंकि विधानसभा चुनाव है, तो विभाजनकारी विधायकों की असली परीक्षा होगी.
राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शिवसेना बनाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और 36 सीटों पर एनसीपी बनाम एनसीपी (शरद चंद्र पवार) मुकाबला है. राज्य में सत्ता का समीकरण काफी हद तक इन सीटों पर निर्भर करता है और ऐसे संकेत हैं कि इन सीटों पर जो जीतेगा वह सत्ता के करीब होगा.
कोंकण में 18 सीटों पर लड़ेंगे शिवसैनिक
15वीं विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव हो रहे हैं और इसके लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. राज्य में पहली बार दो शिवसेना और दो एनसीपी विधानसभा के लिए एक दूसरे से भिड़ रही हैं. यह तस्वीर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी. लेकिन तब राजनीतिक समीकरण अलग थे. अब चुनाव की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि एक तरफ पार्टी के प्रति वफादार विधायक और एक दूसरे से बगावत करने वाले विधायक इस चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. राज्य के 47 विधानसभा क्षेत्रों में शिवसेना बनाम शिवसेना (यूबीटी) और 36 विधानसभा क्षेत्रों में एनसीपी बनाम एनसीपी कांग्रेस (एसपी) का मुकाबला होगा.
हालांकि, इन सीटों पर दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत लगाई गई. दोनों शिवसेना की तरफ से लड़ी गई कुल 47 सीटों में से 16 मुंबई संभाग में, 18 कोंकण संभाग में, 7 मराठवाड़ा संभाग में और शेष सीटें पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ में हैं.