नई दिल्ली: भारत में करोड़ों लोग रेल से सफर करते हैं. ज्यादातर लोग यात्रा करने के लिए भी ट्रेन से यात्रा करने ही पसंद करते हैं, क्योंकि रेल यात्रा के दूसरे साधनों के मुकाबले सफर करना ज्यादा सुविधाजनक और किफायती होता.
इतना ही नहीं ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है. इसके चलते टिकट को लेकर काफी मारामारी होती है. खासकर कर फेस्टिव सीजन के दौरान. ऐसे में कई बार यात्री सोचते हैं कि काश कोई उन्हें अपना टिकट दे दे और वह उसकी जगह सफर कर सकें. हालांकि, सवाल यह है कि क्या ऐसा हो सकता है.
बता दें कि रेलवे ने यात्राओं के लिए कुछ नियम बनाए हैं. इन्हीं में से एक दूसरे के टिकट पर यात्रा करने को लेकर है. नियमों के मुताबिक आप दूसरे के कंफर्म टिकट पर आसानी से सफर कर सकते हैं, लेकिन हर शख्स इस टिकट पर यात्रा नहीं कर सकता.
दूसरे के टिकट पर कौन-कौन कर सकता है यात्रा?
रेलवे के नियमों के अनुसार दूसरे के कंफर्म टिकट पर सिर्फ उसके माता-पिता, भाई-बहन, बेटा-बेटी या फिर पति-पत्नी ही यात्रा कर सकते हैं. यानी आपके टिकट पर सिर्फ आपके परिवार के सदस्य ही यात्रा कर सकते हैं. कोई अन्य शख्स इस टिकट पर यात्रा नहीं कर सकता.
परिवार के सदस्यों को कैसे ट्रांसफर होता है टिकट?
ट्रेन का टिकट ट्रांसफर करने के लिए आपको कंफर्म टिकट की एक कॉपी लेकर रिजर्वेशन काउंटर पर जाना होगा. टिकट के साथ उस शख्स का पहचान पत्र लगाना होगा, जिसको ये टिकट ट्रांसफर किया जा रहा है.
इसके अलावा आपको यह भी बताना होगा कि जिसे आप टिकट ट्रांसफर कर रहे हैं उसके साथ आपका क्या रिश्ता है? साथ ही आपको अपना भी एक पहचान पत्र देना होगा. इसके बाद जांच करके आपका टिकट आपके परिवार के सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
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