नई दिल्ली:रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बैंकों से 'म्यूल अकाउंट' पर जल्द से जल्द लगाम लगाने को कहा है. दरअसल, म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. साथ ही इनका इस्तेमाल RBI के लिए एक बड़ा सिरदर्द भी बन गया है.
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट हैं, जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा हासिल करके, उन्हें इन खातों में ट्रांसफर कर देते हैं. इस यह पैसा अवैध तरीके से फॉडस्टर को मिल जाता है. इस तरह के अकाउंट अक्सर ऐसे लोग ओपन करते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरों को अपने अकाउंट के जरिये पैसों का ट्रांजेक्शन करने की इजाजत देते हैं.
अपराधियों को ढूंढना मुश्किल
इनका इस्तेमाल लोग या तो जानबूझकर या अनजाने में चोरी या अवैध धन को छिपाने और ट्ंरासफर करने के लिए अपराधियों को करने देते हैं. इस अवैध धन को जब अलग-अलग अकाउंट के माध्यम से अलग-अलग देशों में ट्ंरासफर किया जाता है. इसके चलते पुलिस के लिए अपराधियों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, अकाउंट से होने वाले लेन-देन की निगरानी करके बैंक इन खातों की पहचान कर सकते हैं. संदेह होने पर इन अकाउंट को फ्रीज या बंद भी किया जा सकता है.
फर्जी कामों के बड़ा इस्तेमाल
हाल ही में, कुछ बैंकों में म्यूल अकाउंट्स को लेकर में चिंता जताई गई थी. फ्रॉड ट्रांजेक्शन और लोन बहार जैसे फर्जी कामों के लिए इन अकाउंट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. इसे देखते हुए RBI ने बैंकों से इस तरह के अकाउंट पर नकेल कसने और डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने को कहा है.
म्यूल अकाउंट को मोटे तौर पर 5 हिस्सो में बांटा जा सकता है
म्यूल अकाउंट पहला प्रकार विक्टम म्यूल है. इसमें अकाउंट होल्डर्स इस बात से अनजान होते हैं कि उसके अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है. दूसरा मिसलेड पार्टी अकाउंट होता है. इसमें लोग अनजाने में अपने खाते से धोखेबाजों को पैसे भेजते और प्राप्त करते हैं. तीसरे प्रकार के अकाउंट में पैसे को रखने के लिए चोरी किए गए डाक्यूमेंट्स या फर्जी पहचान पत्र के जरिए अकाउंट खोलते हैं.