कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में कई महिला कैदी गर्भवती हो गई हैं. यहां तक कि 196 महिलाओं ने बच्चों को जन्म भी दिया है. वकील तापस भांजा ने राज्य में एक सुधार गृह का दौरा करने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय को ऐसी रिपोर्ट दी है, जिससे सनसनी फैल गई है. याचिका के बाद कोर्ट ने राज्य के एडीजी जेल को कलकत्ता हाई कोर्ट में की गई शिकायत के आधार पर जांच करने का निर्देश दिया है.
इससे राज्य के जेल विभाग पर दबाव बढ़ता जा रहा है. पश्चिम बंगाल पुलिस के एडीजी (जेल) लक्ष्मीनारायण मीना ने उस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
मीना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 'आरोप बेबुनियाद और पूरी तरह से गलत है. ऐसी घटनाओं के आरोप सामने आए. उसके बाद, मैंने नियमित रूप से सुधार सुविधाओं के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें बुलाईं. हो सकता है कि कोई महिला गिरफ़्तारी से पहले ही गर्भवती हो. लेकिन, सुधारगृहों के अंदर गर्भधारण पूरी तरह से झूठ है.'