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रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस: आरोपियों की गिरफ्तारी पर बीजेपी और पश्चिम बंगाल पुलिस में छिड़ा 'एक्स वॉर' - rameshwaram cafe blast case

Rameshwaram Cafe Blast Case: एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों, हमलावर मुसव्विर हुसैन शाजिब और साथी अब्दुल मतीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया. इसको लेकर बीजेपी और पश्चिम बंगाल पुलिस में 'एक्स वॉर' छिड़ गया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि, पश्चिम बंगाल आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है.'

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 10:52 PM IST

कोलकाता/नई दिल्ली: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में एनआईए द्वारा दो कथित संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच खींचातान शुरू हो गई है.बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पोस्ट में लिखा, 'एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों, हमलावर मुसव्विर हुसैन शाजिब और साथी अब्दुल मतीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया. दोनों संभवत: कर्नाटक के शिवमोगा में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं. दुर्भाग्य से, पश्चिम बंगाल आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है.'

रामेश्वरम कैफे बलास्ट मामले पर 'एक्स वॉर'
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी पर हमला बोलते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि कोलकाता में रामेश्वरम कैफे विस्फोट के संदिग्धों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई कठोर वास्तविकता का खुलासा करती है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और पश्चिम बंगाल पुलिस के बीच एक्स पर जुबानी जंग छिड़ गई है. मालवीय ने आतंकी धमाके के आरोपियों के पकड़े जाने को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोला. वहीं बंगाल पुलिस ने अपने पोस्ट में लिखा, झूठ अपने सबसे बुरे स्तर पर है.

क्या बोली बंगाल पुलिस?
बंगाल पुलिस ने कहा, तथ्य यह है कि, यहां की पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में पूर्व मेदिनीपुर से रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा स्वीकार किया गया है. पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा और राज्य पुलिस अपने लोगों को नापाक गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहेगी.

बंगाल बना आतंकियों का गढ़, बोली बीजेपी
वहीं भाजपा ने आरोप लगाया, राज्य आतंकवादियों का गढ़ बन गया है. वहीं बीजेपी पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, एक बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि, पश्चिम बंगाल सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि, ब्लास्ट के आरोपी दो घंटे तक यहां छिपे रहे और बंगाल पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण दो घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. अन्य राज्यों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए बनर्जी ने आगे कहा, उन राज्यों का क्या जहां बीजेपी सत्ता में हैं? उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और बिहार के बारे में बीजेपी की क्या राय है. बंगाल के लोग शांति से रहना चाहते हैं लेकिन भाजपा को यह पसंद नहीं हैं. बता दें कि पिछले महीने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के सिलसिले में जांच एजेंसी ने कोलकाता के पास से दो मुख्य आरोपियों को हिरासत में लिया है. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी पर आरोप लगाते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने एक्स पर लिखा, कोलकाता में रामेश्वरम कैफे विस्फोट के संदिग्धों पर एनआईए की कार्रवाई से सख्त वास्तविकता का पता चलता है. पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह में तब्दील हो गया है.

साकेत गोखले का बीजेपी पर पलटवार
वहीं, टीएमसी नेता साकेत गोखले ने भाजपा नेता अमित मालवीय के एक सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए सवाल किया, संयोग से पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किए गए 2 आतंकी संदिग्ध आतंकी कहां से हैं? कोंताई से और यह किस नेता का गढ़ है. उस सीट से मौजूदा सांसद कौन है? बीजेपी को इसके बारे में जानकारी साझा करनी चाहिए.यह बहुत ही रहस्यमय है, खासकर यह देखते हुए कि इसी मामले में पहले एक भाजपा कार्यकर्ता को भी हिरासत में लिया गया था और उससे पूछताछ की गई थी.'

रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो गिरफ्तार
एनआईए ने शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो फरार आरोपियों को कोलकाता के पास से गिरफ्तार कर लिया. एक मार्च को बेंगलुरु कैफे में हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में भगोड़े अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब को कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया और एनआईए टीम ने उन्हें पकड़ लिया. 12 अप्रैल की सुबह, एनआईए कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही. यहां वे अपनी झूठी पहचान बता कर छिपे हुए थे. बाद में आरोपियों को एनआई कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की एनआईए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया.

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