नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि बुधवार को होने वाली बैठक में समिति की मसौदा रिपोर्ट और प्रस्तावित कानून के संशोधित संस्करण को अपनाया जाएगा.
उन्होंने समिति की संभावित अंतिम बैठक की अध्यक्षता से पहले मीडिया से यह बात कही. बैठक से पहले, कई विपक्षी सांसदों ने अपने एजेंडे पर चर्चा करने के लिए बैठक की, क्योंकि उनमें से कई समिति की सिफारिशों के खिलाफ अपनी असहमति की तैयारी कर रहे हैं.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके.
इससे पहले सूत्रों ने बताया कि बुधवार को पैनल की बैठक से पहले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर मसौदा रिपोर्ट संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों को भेज दी गई है. पैनल ने 14 खंडों में संशोधन को मंजूरी दे दी है.
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मंगलवार को कहा कि विचार-विमर्श में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया गया, जबकि विपक्षी सदस्यों ने कहा है कि उन्हें बड़ी मसौदा रिपोर्ट को देखने और अपनी टिप्पणी देने के लिए बहुत कम समय दिया गया है. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि मसौदा रिपोर्ट को अपनाने के लिए आज बैठक होगी.
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सोमवार की बैठक में हमने 44 प्रस्तावित संशोधनों पर सांसदों से प्रस्ताव मांगे थे. आज कल्याण बनर्जी और ए राजा सहित जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया, वे गलत हैं. हमने विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों पर मतदान करवाया था. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई. हमने संशोधित विधेयक विधायी विभाग को भेज दिया है.