श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक ने विधानसभा में अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने आतंकवाद को अपना रास्ता चुनने के फैसला किया था.
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और विधायक कैसर जमशेद लोन ने कहा कि जब वह 9वीं कक्षा के छात्र थे तो उन्हें एक भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा था. इसके कारण उन्होंने बंदूक उठाकर आतंकवादी बनने के बारे में सोचा था लेकिन एक सैन्य अधिकारी की बातों से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना मन बदल लिया.
विधायक ने कहा कि जब वह कक्षा 9 में थे तो गांव में एक कमांडिंग आर्मी ऑफिसर ने इलाके में कार्रवाई के दौरान उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया. अधिकारी ने उनसे इलाके के आतंकियों के बारे में जानने को लेकर सवाल पूछा था. इसके जवाब में उन्होंने हां कहा था. इसके बाद उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया गया.
लोन ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह आपबीती सुनाई. लोन सीमांत कुपवाड़ा जिले के लोलाब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. ये नियंत्रण रेखा पर स्थित है. यह क्षेत्र 1989 से आतंकवादियों की घुसपैठ का मार्ग रहा है.