भरतपुर.पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद को लेकर पूर्व सांसद दिव्या सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह द्वारा पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर लगाए गए आरोपों को लेकर अब पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी है. विश्वेंद्र सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर लिखा है कि पत्नी और बेटे की झूठ और बेबुनियाद आरोप लगाने की आदत है. गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे अपनी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी थी. यहां तक कि गहलोत ने सुलह करने के प्रयास भी किए थे, लेकिन पत्नी और बेटे ने नकार कर दिया था.
ये लिखा पोस्ट में : पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि तीन बार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, तीन बार पीएससी चीफ व पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गहलोत हमारे बहुत ही सीनियर नेता हैं. उनके खिलाफ मेरी पत्नी और बेटे ने जो आरोप लगाए हैं, वो सरासर झूठ और बेबुनियाद हैं. मेरी पत्नी और बेटे की आदत है झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाने की. मैंने पूर्व में जब गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी, उसके बाद ही उन्होंने मुझे अपनी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी थी.
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विश्वेंद्र सिंह ने गहलोत से मांगी माफी : विश्वेंद्र सिंह ने आगे लिखा कि गहलोत ने मेरी विधानसभा में बहुत से ऐतिहासिक कार्यों को मंजूरी दी थी. उन सभी कार्यों को मैंने मंत्री रहते हुए पूर्ण करवाया था. गहलोत हमारे बहुत ही सीनियर और बुजुर्ग नेता हैं. उनके खिलाफ मेरी पत्नी और बेटे ने जो आरोप लगाए, उनके लिए मैं अपनी तरफ से गहलोत से माफी मांगता हूं. मेरी पत्नी और बेटे ने अपने इंटरव्यू पहले दिए थे. गहलोत ने तो बहुत ही प्रयास किए थे सुलह करवाने के लिए लेकिन उनकी बातों को इन दोनों ने नकार दिया था.
पूर्व सीएम पर लगाए ये आरोप :गौरतलब है कि बुधवार को प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद दिव्या सिंह और उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह ने पारिवारिक विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आग में घी डालने का आरोप लगाया था. अनिरुद्ध सिंह ने अशोक गहलोत को लेकर कहा था कि हमें पूरा विश्वास है कि उन्होंने हमारे कॉल रिकॉर्ड किए थे. मोतीमहल के बाहर वाले क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का कार्य तत्कालीन एडीएम स्वीकृत कर के गई थी, जिसे रोक दिया गया. हमें यूडीएच से कुछ परमिशन चाहिए थीं जो कि नहीं दी गई. हमने कई बार अशोक गहलोत से मिलने का भी प्रयास किया, लेकिन रोक दिया गया. मोतीमहल एक ऐतिहासिक भवन है, जिसके लिए एक चार की गार्ड लगाई गई थी, लेकिन उसे अशोक गहलोत ने हटवा दिया. ऐसे में यदि मोतीमहल से कोई ऐतिहासिक वस्तु या चीज लापता/गायब हो जाती है तो उसके लिए गहलोत जिम्मेदार होंगे.
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ये है पूर्व राजपरिवार का विवाद : पूर्व राजपरिवार सदस्य व पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने, खाना नहीं देने, घर छोड़ने को मजबूर करने के गंभीर आरोप लगाए थे. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में उपखंड अधिकारी के ट्रिब्यूनल में प्रार्थना पत्र पेश कर ये आरोप लगाए थे. जबकि पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटा अनिरुद्ध सिंह ने विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने बीते 30 साल में महाराजा सूरज की पूरी संपत्ति बेच दी. सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. दिव्या सिंह का कहना है कि वो मरते दम तक मोतीमहल को बचाएंगी. उन्होंने कहा कि 30 साल में उनके साथ क्या हुआ, अगर वो ये बता दिया तो ऐसा न हो सुप्रीम कोर्ट तक केस पहुंच जाए.