कोलकाता : यह देखते हुए कि चीन ने 2020 में लद्दाख में एलएसी पर कई सेनाएं लाकर समझौतों का उल्लंघन किया, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने सैनिकों की जवाबी तैनाती करके जवाब दिया और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 'बहुत असामान्य तैनाती' है. कोलकाता में मंगलवार को विकसित भारत कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि जब भारत में कोविड-19 लॉकडाउन था, तब चीन सेना लेकर आया और 'हममें से किसी को भी देश की सुरक्षा की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हमें 1962 का अनुभव थोड़ा याद दिलाने के लिए उपयोगी था क्योंकि कुछ लोग इससे इनकार करते हैं लेकिन यह सिर्फ 1962 नहीं था. 1962 के बाद 1988 में राजीव गांधी चीन गये. कई मायनों में यह हमारे संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था. और फिर एक बहुत स्पष्ट समझ थी कि हम अपने सीमा मतभेदों पर चर्चा करेंगे, लेकिन हम सीमा पर अपनी शांति बनाए रखेंगे.
अब जो बदल गया है वह 2020 में हुआ है. 2020 में चीनियों ने कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए सीमा पर बड़ी संख्या में सेनाएं लायी और उन्होंने ऐसा उस समय किया जब हम इस देश में कोविड को लेकर लॉकडाउन था. हमने अपनी सेनाओं की जवाबी तैनाती करके जवाब दिया और फिर गलवान में हमारी झड़प हुई.
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव इस बात का नहीं है कि 62 साल पहले क्या हुआ था, बल्कि आज सीमा पर क्या हो रहा है, इसका मामला है. चार वर्षों से दोनों देश अपने सामान्य स्थान से आगे है. सामान्य गश्ती क्षेत्रों से आगे तैनात हैं. इसलिए आज वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यह बहुत ही असामान्य तैनाती है.'