देहरादूनः दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले बड़े हवाला ऑपरेटर को उत्तराखंड एसटीएफ ने हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी पर देशभर में 167 मुकदमे और 2977 अलग-अलग साइबर अपराधों के मामले दर्ज हैं. एसटीएफ जांच में आरोपी द्वारा देशभर में 11 करोड़ की राशि के लेनदेन का खुलासा हुआ है. आरोपी की देश के हर राज्य की पुलिस को तलाश है.
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को देहरादून निवासी पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर खुद को कूरियर कंपनी FEDEX (फेडरेक्स) का कर्मचारी बताया गया. कॉल करने वाले ने बताया कि पीड़ित के नाम से एक कूरियर, कस्टम डिपार्टमेंट द्वारा पकड़ा गया है. जिसमें अवैध सामग्री (150 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और 6 जाली पासपोर्ट) मुंबई से ताइवान भेजी जा रही थी. इसके बाद कॉल करने वाले ने बताया कि वह इस कॉल को साइबर क्राइम डिपार्टमेंट मुंबई को ट्रांसफर कर रहा है.
पीड़ित को पहले डराया फिर ठगा: इसके बाद ठग के दूसरे साथी ने खुद को साइबर क्राइम मुंबई का अधिकारी बताया और वीडियो कॉल के जरिए इन्वेस्टिगेशन की. ठग ने ये भी बताया कि केस को निपटाने के लिए कुछ राशि देनी होगी. इसके बाद ठग द्वारा पीड़ित से अलग-अलग लेन देन के माध्यम से कुल 11 लाख 84 हजार 30 रुपये ठग लिए गए. पीड़ित ने ये सभी बातें परिजनों को बताई तो ठगी होने की जानकारी हुई. इसके बाद पीड़ित ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
करनाल से हुआ गिरफ्तार: मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई. जांच के दौरान खातों की जानकारी ली गई तो मामले के तार हरियाणा से जुड़े पाए गए. इसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी सागर सिंह निवासी करनाल हरियाणा को करनाल से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपी से 2 मोबाइल, 5 सिम कार्ड, 52 हजार रुपए रुपये नगद, 1 पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड, 4 चैक बुक, 3 चैक, 1 क्यूआर कोड और 1 आधार कार्ड आदि बरामद किया गया.
अपराध का तरीका: आरोपियों द्वारा इसके लिए फर्जी सिम, आईडी कार्ड का इस्तमाल किया जाता है. अलग-अलग मोबाइल हैंडसेट, सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है. कुछ पीड़ितों से एक मोबाइल फोन, सिम कार्ड और बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नए सिम, मोबाइल और बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है.
दुबई में होती है अपराधियों की साइबर क्राइम मीटिंग: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए आरोपी खुद दुबई जाकर अपने साथियों को साइबर अपराध से संबंधित किट देता है जिसमें भारत के अलग-अलग बैंक के एसएमएस अलर्ट नंबर वाले करेंट बैंक अकाउंट दिए जाते हैं. वहीं, दुबई में बैठे साइबर ठग भारतीय रुपयों को क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी (USDT) में दुबई में चेंज किया जाता है. इसके लिए गिरोह की एक विस्तृत बैठक दुबई में आयोजित की जाती है.
11 करोड़ रुपए की ठगी:उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार आरोपी से संबंधित अलग-अलग बैंक खातों की लेनदेन की जानकारी इकट्ठी की गई तो पाया गया कि अनुमानित 11 करोड़ रुपए आरोपी द्वारा अलग-अलग पीड़ितों से पूरे भारत में ठगी के बाद धोखाधड़ी से लिए गए हैं. साथ ही भारत सरकार I4C गृह मंत्रालय के सहयोग से आरोपी से बरामद अलग-अलग बैंक खातों, मोबाइल नंबरों की भी जांच की गई. जिसमें आरोपी के ऊपर 167 मुकदमे और 2977 आपराधिक लिंकेज (Criminal Linkages) जो देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मिले.
आरोपी पर 167 मुकदमे: आरोपी के ऊपर उत्तर प्रदेश 34, राजस्थान 1, तेलंगाना 67, महाराष्ट्र 2, दिल्ली 12, गुजरात 3, बिहार 4, हरियाणा 8, तमिलनाडु 14, पश्चिम बंगाल 3, कर्नाटक 2, आंध्र प्रदेश 4, उत्तराखंड 2, छत्तीसगढ़ 4, असम 3, चंडीगढ़ 1, गोवा 1, दादरा और नगर हवेली 2 आदि मिलाकर के कुल 167 मुकदमों में आरोपी वांछित है. उत्तराखंड में ही 48 मामलों में आरोपी की संलिप्तता पाई गई है.
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