दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

यूएसएड के कारनामों का DOGE ने किया खुलासा, पीएम मोदी के सलाहकार बोले- 'USAID सबसे बड़ा घोटाला' - USAID

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने USAID को सबसे बड़ा घोटाला करार दिया.

Sanjeev Sanyal
संजीव सान्याल (X@sanjeevsanyal)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 16, 2025, 9:54 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने यूएस डिपार्टमंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) के इस दावे पर सवाल उठाया कि उसने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर कैंसिल कर दिए हैं.

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर रविवार को एक पोस्ट में संजीव सान्याल ने कहा, "यह जानकर अच्छा लगेगा कि भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य (एंटी शेख हसीना पॉलिटिकल फोर्सेस) को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर किसने प्राप्त किए. वहीं, नेपाल में 'फिस्कल फेडरलिज्म' को बेहतर बनाने के लिए 29 मिलियन डॉलर खर्च किए जाने का तो जिक्र ही नहीं किया गया. USAID मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है."

वहीं, DOGE के इस दावे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अमित मालवीय ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. भाजपा नेता ने कहा, "मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे फायदा होगा? निश्चित रूप से सत्ताधारी पार्टी को नहीं!"

एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने 2012 की एक रिपोर्ट साझा की. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इलेक्शन मैनेजमेंट पर चुनाव आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम (IFES) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

इतना ही नहीं भाजपा नेता ने अमेरिकी इंवेस्टर जॉर्ज सोरोस पर भारत की चुनावी प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने का भी आरोप लगाया. उन्होंने सोरोस और कांग्रेस के साथ-साथ गांधी परिवार के बीच संबंध का भी संकेत दिया.

DOGE ने क्या दावा किया?
अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व DOGE ने शनिवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि उसने भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी है. X पर एक पोस्ट में, DOGE ने घोषणा की, "अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसे निम्नलिखित आइटम्स पर खर्च किए जाने वाले थे, जिनमें से सभी को रद्द कर दिया गया है..." इसमें शामिल है, "भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर; बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर; नेपाल में फिस्कल फेडरलिज्म के लिए 20 मिलियन डॉलर.

उल्लेखनीय है कि पोस्ट में फंडिंग के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने DOGE का नेतृत्व करने के लिए मस्क को चुना था. शासन में सुधार और बेकार खर्चों पर अंकुश लगाने के लिए, DOGE ने शनिवार को X पर एक पोस्ट में कटौती की घोषणा की थी.

ट्रंप ने विदेशी सहायता पर लगाई थी रोक
इससे पहले 20 जनवरी को पदभार संभालने के अपने पहले दिन राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगा दी थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर छंटनी हुई और हजारों ग्लोबल असिस्टेंट प्रोग्राम स्थगित हो गए. USAID कई वर्षों से विवादों में घिरा हुआ है.

इस महीने की शुरुआत में भाजपा के निशिकांत दुबे ने मांग की थी कि सरकार भारत में USAID फंडेड संगठनों की जांच करे. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे अधिकांश संगठन देश में अशांति फैलाने का काम करते हैं और उनके कांग्रेस पार्टी से संबंध हैं. दुबे ने दावा किया कि USAID फंडेड संगठनों ने अग्निवीर योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जाति जनगणना का समर्थन किया और देश में नक्सलवाद का समर्थन किया.

यह भी पढ़ें- अमेरिका ने भारत, बांग्लादेश और नेपाल को दिए जाने वाले फंड में कटौती की

ABOUT THE AUTHOR

...view details