जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सोमवार को सेना के एक कुत्ते ने देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. सेना के अधिकारियों ने कहा कि जब हमारे सैनिक इलाके में घिरे हुए आतंकियों के करीब पहुंच रहे थे, तो फैंटम (कुत्ता) ने दुश्मन की गोलीबारी का सामना किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसके साहस, निष्ठा और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.
सेना ने इस ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार गिराया गया और मौके से युद्ध के सामान बरामद किए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि सेना, पुलिस, एसओजी और अर्धसैनिक बलों ने इस अभियान में भाग लिया.
शहीद हुए 'फैंटम' की ट्रेनिंग का वीडियो (ETV Bharat) फैंटम डॉग विशेष पैरा बलों का हिस्सा था और आतंकियों का पीछा करते हुए कार्रवाई में मारा गया. भारतीय सेना ने शहीद कुत्ते को श्रद्धांजलि दी है, उसकी असाधारण बहादुरी और समर्पण को स्वीकार किया है. भारतीय सेना ने अपनी संवेदना व्यक्त की है और कुत्ते की निष्ठा और समर्पण की प्रशंसा की है.
बेल्जियम मालिनोइस (Belgium Malinois) नस्ल के फैंटम डॉग का जन्म 25 मई, 2020 को हुआ था और उसे 12 अगस्त, 2022 को सेना में तैनात किया गया था.
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने हमलावर डॉग फैंटम के योगदान को याद किया और कहा कि उसके साहस, निष्ठा और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर लिखा, "हम अपने सच्चे नायक - एक बहादुर भारतीय सेना के डॉग फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं."
इससे पहले दिन में अधिकारियों ने बताया था कि आतंकियों ने अखनूर इलाके में सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई. अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों द्वारा घात लगाकर हमला करने की कोशिश विफल रही, जिसके बाद इलाके में घेराबंदी अभियान शुरू किया गया. इस दौरान आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई है. अखनूर में चल रहे अभियान में तीन आतंकी मारे गए.
आतंकियों तक पहुंचने के लिए एआई का इस्तेमाल
अखनूर मुठभेड़ पर मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव (जीओसी 10 इन्फैंट्री डिवीजन) ने मंगलवार को कहा कि अखनूर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान हमने मानवरहित वाहन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया. जिससे हमें त्वरित और सफल परिणाम मिले. इस मुठभेड़ में हमने एक आर्मी डॉग खो दिया. डॉग के बलिदान के कारण है कि कई लोगों की जान बचाई जा सकी.
मेजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा, "इस ऑपरेशन के बाद, ऐसी सूचना फैल रही थी कि सेना ने बीएमपी टैंक का इस्तेमाल किया. हमने उस तरह के वाहन का इस्तेमाल किया था क्योंकि वह क्षेत्र कठिन था - 30 डिग्री का ढलान और घना जंगल था. हमने आतंकवादियों का पता लगाने के बाद वहां पहुंचने के लिए उन वाहनों का इस्तेमाल किया."
यह भी पढ़ें-अखनूर सेक्टर में सेना को मिली बड़ी सफलता, मुठभेड़ में मारे गए एम्बुलेंस पर हमला करने वाले तीन आतंकी