सिलचर:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 17 जुलाई को राज्य में बढ़ती मुस्लिम आबादी के लेकर चिंता व्यक्त किया था. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि राज्य में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ते हुए 40 फीसदी तक पहुंच गई है. जो राज्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है. तेजी से बदलता जनसांख्यिकीय परिवर्तन हमारे लिए राजनीति का मुद्दा नहीं है. बल्कि राज्य के अस्तित्व का मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 1951 में असम में मुस्लिम आबादी केवल 12 फीसदी थी. वर्तमान में यह आकड़ा दोगुना से ज्यादा हो गया है. आज असम में मुसलमानों की आबादी 40 फीसदी हो गई है. वहीं, सीएम सरमा की इस टिप्पणी पर राजनीति तेज हो गई है. TMC की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की इस टिप्पणी पर निशाना साधा है. देव ने सीएम सरमा से पूछा कि उन्हें जनसंख्या अनुपात कहां से मिला, जबकि 2021 में कोविड महामारी के कारण जनगणना हुई ही नहीं थी.
सीएम सरमा के इस बयान को खारिज करते हुए सांसद सुष्मिता देव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि असम के सीएम सरासर झूठ बोल रहे हैं. वीडियो में देव ने कहा कि 1951 में असम में 25 फीसदी मुस्लिम आबादी थी, यह 12 फीसदी नहीं थी जैसा कि सीएम ने कहा. कोविड महामारी के कारण देश में जनगणना नहीं हुई, फिर उन्हें मुस्लिम जनसंख्या अनुपात कैसे मिला. सीएम सरमा पर हमला बोलते हुए देव ने कहा कि जनता के साथ फर्जी जानकारी साझा न करें और सांप्रदायिक राजनीति से बचें.