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टीएमसी ने EC पर मतदान प्रतिशत डेटा छिपाने लगाया आरोप, कहा- 'सुप्रीम कोर्ट में बेशर्मी से झूठ बोला' - TMC Accuses EC - TMC ACCUSES EC

तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने चुनाव आयोग पर कुल मतदान प्रतिशत का डेटा छिपाने का आरोप लगाया. बता दें कि चुनाव आयोग ने स्टेशन-वार मतदाता मतदान डेटा जारी किया था. गोखले ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग खुलेआम सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहा है.

Trinamool Congress MP Saket Gokhale
तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले (फोटो - ANI Photo)

By PTI

Published : May 23, 2024, 5:23 PM IST

नयी दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर कुल मतदान प्रतिशत का डेटा 'बेशर्मी से' छिपाने का आरोप लगाया. यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताए जाने के एक दिन बाद आई है कि स्टेशन-वार मतदाता मतदान डेटा के अंधाधुंध खुलासे और इसे अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करने से चुनाव मशीनरी में "अराजकता" पैदा हो जाएगी, जो पहले से ही चल रहे लोकसभा चुनावों के लिए काम कर रही है.

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को बताया है कि फॉर्म 17C के अनुसार मतदान प्रतिशत का खुलासा करने में समय लगेगा, टीएमसी सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'ईसीआई द्वारा प्रकाशित 'रिटर्निंग ऑफिसर्स के लिए हैंडबुक' में कहा गया है कि रिटर्निंग ऑफिसर को बस क्लोज बटन दबाना है, और यह तुरंत फॉर्म 17 में दर्ज किए जाने वाले वोटों की कुल संख्या प्रदर्शित करता है.'

गोखले ने अपनी पोस्ट में कहा कि 'बहुत महत्वपूर्ण और चिंताजनक: कैसे चुनाव आयोग खुलेआम सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहा है.' उन्होंने कहा कि 'कुल मतदाता मतदान (फॉर्म 17) डेटा का खुलासा नहीं करने के मुद्दे पर, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई से पूछा कि इस चुनाव में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है. ध्यान दें कि ये नंबर पिछले सभी लोकसभा चुनावों में तुरंत उपलब्ध कराए गए हैं.'

उन्होंने आगे कहा कि 'ECI ने SC में कहा कि कोई मुद्दा नहीं है लेकिन इसमें समय लगता है. सच क्या है?' गोखले ने 'रिटर्निंग ऑफिसर्स के लिए हैंडबुक' का हवाला देते हुए कहा कि 'उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रिटर्निंग ऑफिसर को बस 'क्लोज बटन दबाना' है. यह तुरंत फॉर्म 17 में दर्ज किए जाने वाले वोटों की कुल संख्या प्रदर्शित करता है. तो इसमें कितना समय लगता है? सचमुच तीन सेकंड.'

उन्होंने आरोप लगाया कि 'चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट में खुले तौर पर झूठ क्यों बोल रहा है? कुल वोटों का डेटा इतनी बेशर्मी से क्यों छिपाया जा रहा है? कुछ बहुत ही खराब चल रहा है और ईसीआई सक्रिय रूप से इसका हिस्सा बन रहा है.' बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में, चुनाव आयोग ने भी इस आरोप को झूठा और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मतदान के दिन जारी किए गए मतदाता मतदान के आंकड़ों और बाद के दोनों चरणों में से प्रत्येक के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

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