लखनऊ: सरकारी टीचरों के डिजिटल हाजिरी का विरोध करने के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है. शासन की ओर से उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस को होल्ड कर दिया गया है. यानी अब सरकारी टीचरों की डिजिटल हाजिरी पर रोक लग गई है.
यह रोक दो महीने के लिए रहेगी. यानी ऑनलाइन एटेंडेंस सिस्टम दो महीने तक लागू नहीं होगा. बेसिक शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो इस पूरे प्रकरण का निस्तारण करेगी.
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर बीते 8 जुलाई से शिक्षक को के विरोध के बाद विभाग बैकफुट पर आ गया है. शिक्षकों के विरोध के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षक कंचन वर्मा ने ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है. साथ ही उन्होंने शिक्षकों की सभी मांगों को पूरा करने के लिए एक हाई पावर कमेटी के गठन करने की भी बात कही है.
उन्होंने बताया कि यह कमेटी अगले 6 महीने में शिक्षकों की विभिन्न मांगों पर विचार करेगी और उसे कैसे लागू किया जाए, इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रस्तुत करेगी. मुख्य सचिव और शिक्षक संगठनों के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. इस बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष बेसिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी आदि मौजूद थे.
शिक्षकों की क्या हैं मांगें
- ऑनलाइन डिजिटल उपस्थित शिक्षकों की सेवा के परिस्थिति के दृष्टिगत नियमों व सेवा शर्तों के विपरीत है, इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए.
- सभी परिषदीय शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की तरह 30 अर्जित अवकाश, 15 हाफ-डे अवकाश, 15 आकस्मिक अवकाश, अवकाश में बुलाए जाने पर प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाए.
- सभी शिक्षकों, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए.
- सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद बहाल करते हुए पदोन्नति की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए.
- शिक्षामित्र, अनुदेशक जो वर्षों से विभाग में काम कर रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाए.
- आरटीई एक्ट 2009 व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.
- प्रदेश के समस्त शिक्षकों, शिक्षामित्र अनुदेशकों को सामूहिक बीमा, कैशलेस चिकित्सा आदि से अच्छादित किया जाए.