तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने से किया इनकार - disproportionate assets cases
disproportionate assets cases, तमिलनाडु के पूर्व मंत्री पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया. अब राज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाने से मना कर दिया है.
चेन्नई (तमिलनाडु): आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद तमिलनाडु के पूर्व मंत्री पोनमुडी को अपना पद खोना पड़ा. इसके चलते तिरुक्कोयिलुर विधानसभा क्षेत्र को भी रिक्त घोषित कर दिया गया. हालांकि, इस मामले में अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने पोनमुडी पर लगाई गई सज़ा को निलंबित कर दिया.
परिणामस्वरूप, तमिलनाडु विधान सभा सचिवालय ने घोषणा की कि वह विधान सभा के सदस्य के रूप में बने रहेंगे. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 13 मार्च को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को पत्र लिखकर कहा था कि पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाए.
ऐसे में राज्यपाल आरएन रवि ने पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री स्टालिन को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है. दोषी नहीं पाया गया. यह फैसला शायद इसलिए आया है ताकि तिरुक्कोयिलुर विधानसभा क्षेत्र को एक सदस्य के बिना न छोड़ा जाए.'
उन्होंने आगे कहा कि 'हालांकि, उन्हें निर्दोष नहीं पाया गया. शुल्क वही रहेंगे. इसलिए पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई जा सकती. साथ ही यह संविधान के भी खिलाफ होगा.' इससे पहले सीएम स्टालिन के पत्र भेजने के अगले दिन राज्यपाल आरएन रवि 3 दिवसीय दौरे पर दिल्ली रवाना हुए थे. ऐसे में लोकसभा चुनाव की तारीख के साथ ही तमिलनाडु में खाली पड़ी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा कर दी गई.
इसमें विलावनकोड निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई जहां हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं विजयधरानी विधायक थीं. उस समय, चुनाव आयोग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, इसे तिरुक्कोयिलुर निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव के रूप में उल्लेख किया गया था, जहां पोनमुडी को विधायक के रूप में चुना गया था, जिससे भ्रम पैदा हुआ.
बाद में तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू ने कहा कि यह एक गलती थी और चुनाव आयोग पोनमुडी पर फैसला करेगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने चुनाव आयोग को भेजा गया वह पत्र वापस ले लिया, जिसमें कहा गया था कि तिरुक्कोयिलुर निर्वाचन क्षेत्र खाली है.