चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति लागू नहीं करने का आग्रह किया. विधानसभा में एक और प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें केंद्र से 2026 के बाद जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नहीं करने का आग्रह किया गया. द्रमुक के सहयोगी दलों, कांग्रेस, वीसीके, एमडीएमके और वाम दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया.
जब प्रस्ताव पर मतदान हुआ तो पीएमके विधायक मौजूद नहीं थे. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने दोनों प्रस्ताव पेश किये. संकल्प में कहा गया कि यह प्रतिष्ठित सदन केंद्र सरकार से एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति को लागू नहीं करने का आग्रह करता है, क्योंकि एक राष्ट्र, एक चुनाव का सिद्धांत लोकतंत्र के आधार के खिलाफ, अव्यावहारिक, भारत के संविधान में निहित नहीं है.
प्रस्ताव में कहा गया कि स्थानीय निकायों, राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में जन केंद्रित मुद्दों के आधार पर अलग-अलग समय पर संसद आयोजित की जा रही हैं और यह लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के विचार के खिलाफ है. अन्नाद्रमुक विधायक एन थलवई सुंदरम ने कहा कि पार्टी दस वर्षों में अपनी दस मांगों के पूरा होने की स्थिति में एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति का समर्थन करेगी, जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति को दिया गया था.