नई दिल्ली:यूट्यूबर सवुक्कू शंकर को राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को दिए उनके साक्षात्कार से जुड़े मामलों में तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज 16 एफआईआर में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी. शंकर द्रमुक सरकार और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के कड़े आलोचक माने जाते हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने एफआईआर को रद्द करने के लिए शंकर की याचिका पर सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट ने शंकर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी और तमिलनाडु सरकार और पुलिस से भी जवाब मांगा. एक नई याचिका पर विचार करने पर सहमति जताते हुए पीठ ने कहा कि उसने सभी 16 प्राथमिकियों में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है. बेंच ने शंकर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील बालाजी श्रीनिवासन से कहा, "कृपया सभी एफआईआर का पूरा चार्ट भी दाखिल करें." सीजेआई की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं.
श्रीनिवासन को बताया कि उनके मुवक्किल को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा रिहाई के आदेश के बाद तमिलनाडु पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया है. यूट्यूबर को सोमवार को राज्य पुलिस ने फिर से हिरासत में लिया. श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई है और अब उन्होंने उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया है. पीठ ने कहा, "नोटिस जारी करें, अगले आदेश तक एफआईआर के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी."