सुकमा में 130 जवानों की हत्या में शामिल हार्डकोर नक्सली नागेश ने किया सरेंडर
hardcore naxalite nagesh surrender बस्तर में नक्सलियों को बड़ा सेट बैक लगा है. हार्डकोर नक्सली नागेश ने उर्फ पेड़कम एर्रा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पर 130 जवानों की हत्या में शामिल होने का आरोप है. involved in killing of 130 soldiers in Bastar
सुकमा: बस्तर में नक्सली एक बार फिर बैकफुट पर हैं. सरकार की पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर हार्डकोर नक्सली नागेश ने सरेंडर कर दिया. बस्तर में लगातार नक्सल विरोधी अभियान के चलते नक्सली संगठन दबाव में हैं. नक्सली नागेश पर शासन ने 8 लाख का इनाम रखा था. आरोप है कि नक्सली नागेश 130 जवानों की हत्या में अबतक शामिल रहा है.
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की बयार बह रही है. लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में नवीन पुलिस कैम्प स्थापित करके आसपास के इलाके में विकास कार्य तेजी से हो रहा है. इन कार्यो से प्रभावित होकर नक्सल संगठन के PLGA बटालियन नंबर 1 के कंपनी नंबर 2 के सक्रिय कमांडर CYPC नागेश उर्फ पेड़कम एर्रा ने आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर नक्सली के ऊपर 8 लाख का ईनाम घोषित कर रखा था. सरेंडर नक्सली मंगलगुड़ा थाना किस्टारम का निवासी है. नागेश के सरेंडर करने से नक्सलियों की कमर टूट गई है. आने वाले दिनों में हम नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म कर देंगे. - किरण चव्हाण, सुकमा एसपी
हार्डकोर और इनामी नक्सली नागेश का सरेंडर: फोर्स के मुताबिक सरेंडर करने वाला नक्सली नागेश 2003 से 2004 तक पालाचलमा एलओएस सदस्य रहा. साल 2005 से 2008 तक पालाचमा एलजीएस के सदस्य के तौर पर काम किया. जबकी 2009 से 2011 तक बटालियन नं 01 कम्पनी नम्बर 02 सेक्शन कमाण्डर के तौर पर काम किया. नागेश के सरेंडर करने से नक्सलियों को बड़ा धक्का लगा है. नागेश को बस्तर के बड़े नक्सली लीडर के तौर पर गिना जाता रहा है. बस्तर पुलिस नागेश के सरेंडर करने से काफी खुश है.
इन घटनाओं में शामिल रहा है हार्डकोर नक्सली नागेश
साल 2004 में गोलापल्ली और मराईगुड़ा के बीच मुख्यमार्ग को अलग-अलग 10-15 स्थानों में खोदकर रोड अवरोध करने की घटना में शामिल था.
साल 2010 में मुकरम और ताड़मेटला के बीच बीमार गुब्बल नामक टेकरी में एम्बुश लगाकर फायरिंग करने की घटना में शामिल था, इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
साल 2011-12 में ग्राम तिम्मापुरम के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था, इस मुठभेड़ में पुलिस के 02 जवान शहीद और 08 पुलिस जवान घायल हुए थे.
साल 2013-14 में TCOC अभियान के दौरान ग्राम टेटेमड़गू और पालोड़ी के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था.
साल 2014 में TCOC अभियान के दौरान ग्राम पिड़मेल और एंटापाड़ के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. उक्त मुठभेड़ में पुलिस के लगभग 06-07 जवान शहीद हुए.
साल 2015-16 में TCOC अभियान के दौरान ग्राम पोटकपल्ली और डब्बामरका के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था.
साल 2017 में TCOC अभियान के दौरान ग्राम कोत्ताचेरू और भेज्जी के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. मुठभेड़ में पुलिस के 12 जवान शहीद हुए.
साल 2017 में TCOC अभियान के दौरान ग्राम बुर्कापाल के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. उक्त मुठभेड़ में पुलिस के 25 जवान शहीद हुए थे. 02 जवान घायल हुए थे. और पुलिस के लगभग 18 हथियार लूटने में सफलता मिली थी.
साल 2017 में ग्राम टोण्डामरका पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. उक्त मुठभेड़ मे पुलिस के 07-08 जवान घायल हुए थे.
साल 2018-19 में ग्राम दारेली और इत्तागुड़ा के बीच जंगल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल था.