नई दिल्लीःनई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई. वहीं 12 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्लेटफॉर्म नंबर 12,13,14,15 और 16 पर भारी भीड़ के कारण यह हादसा हुआ. केंद्र ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. एलएनजेपी अस्पताल में 15 और लेडी हार्डिंग अस्पताल में 3 लोगों को मृत घोषित किया गया. मृतक के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख, मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया गया है.
लोक नायक अस्पताल प्रशासन ने 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रविवार को अवकाश होने के कारण शनिवार को प्रयागराज जाने के लिए काफी संख्या में लोग जुट गए. शनिवार को जनरल टिकट भी काफी काटे गए.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर घटना का जायजा लिया और मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
घटना प्लेटफार्म नंबर 14/15 पर रात करीब साढ़े आठ बजे उस समय हुई, जब यहां प्रयागराज की ओर जाने वाली दो ट्रेनों का यात्री इंतजार कर रहे थे, लेकिन ये ट्रेनें नहीं पहुंचीं, जिससे प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ एकत्रित हो गई.
वाराणसी जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर खड़ी होने से उसके यात्री भी प्लेटफार्म पर पहुंचना शुरू हो गए. ऐसे में भीड़ बढ़ गई और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई इंतजाम न होने के कारण धक्का-मुक्की होने लगी और अचानक भगदड़ मच गई. इससे कुछ लोग प्लेटफार्म पर गिर पड़े और भीड़ में कुचल गए.
रेल मंत्री ने कहा- स्थिति नियंत्रण में
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, "नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति नियंत्रण में है. दिल्ली पुलिस और आरपीएफ पहुंच गई. घायलों को अस्पताल ले जाया गया. अचानक भीड़ को हटाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
पीटीआई के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि अचानक भीड़ के कारण, प्लेटफार्मों पर यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिससे उनमें से कुछ को मामूली चोटें आईं. रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने किसी भी ट्रेन को रद किए जाने से इन्कार किया. उन्होंने कहा कि अचानक हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तुरंत चार विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया गया. अब भीड़ काफी कम हो गई है.