नई दिल्ली : एनसीपी पार्टी विवाद पर चुनाव आयोग ने भले ही अपना फैसला सुना दिया हो, लेकिन शरद पवार गुट इसे मानने को तैयार नहीं है. उनके गुट ने साफ किया है कि वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. दूसरी ओर अजीत पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रूख कर लिया है. उनकी तरफ से कैविएट दाखिल किया गया है. इसका मतलब है कि इस मामले में जब भी कोर्ट सुनवाई करेगा, तो उनका पक्ष जानने के बाद ही फैसला सुनाएगा.
एक दिन पहलेमंगलवार को चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए अजीत पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया. इस फैसले के साथ ही पार्टी का चुनाव चिन्ह भी अजीत पवार गुट को मिल गया.
शरद पवार गुट के समर्थकों ने बुधवार को एनसीपी के मुंबई दफ्तर के बार कई पोस्टर लगाए हैं. इन पोस्टरों के जरिए अजित पवार और उनके समर्थकों पर तंज कसा गया है. वैसे आपको बता दें कि एनसीपी का आंतरिक विवाद लंबे समय ले चला आ रहा था. कुछ महीनों पहले जब अजीत पवार ने पार्टी से विद्रोह कर दिया था, तब एनसीपी के अधिकांश विधायक उनके साथ हो लिए. अजीत पवार गुट अब एनडीए का हिस्सा है और वह महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल का भागीदार बन चुका है.
शरद पवार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन सकते हैं, लेकिन उनका हौंसला नहीं. उन्होंने कहा था कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और फिर से पार्टी को बुलंदियों पर पहुंचाएंगे.
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