नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा इस साल नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा आयोजित नहीं करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य से जवाब मांगा. नीट-एसएस उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि एनएमसी ने 2024 में परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला किया है. कथित तौर पर, परीक्षा जनवरी 2025 में आयोजित होने की संभावना है.
नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट-सुपर स्पेशियलिटी (नीट-एसएस) एमडी, एमएस और डीएनबी जैसी स्नातकोत्तर डिग्री या सुपर-स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए समकक्ष योग्यता रखने वाले डॉक्टर दे सकते हैं.
पीठ ने याचिकाकर्ताओं, राहुल बलवान और 12 अन्य को याचिका में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को पक्ष बनाने की अनुमति दी और केंद्र, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और एनएमसी को नोटिस जारी किया. पीठ ने मामले की सुनवाई 26 जुलाई को तय की है. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि नीट-एसएस हर साल आयोजित किया जाना चाहिए और पहले के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुपर-स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए समय सारिणी पहले ही शीर्ष अदालत द्वारा तय की जा चुकी है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एक वैधानिक निकाय है जो चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा पेशेवरों, संस्थानों और अनुसंधान को नियंत्रित करता है. 25 सितंबर 2020 को स्थापित, इसने भारतीय चिकित्सा परिषद का स्थान लिया.
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