नई दिल्ली: आज देशभर में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. वहीं, दिल्ली के कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलीं. इस दौरान गोवा की झांकी में मिट्टी के दीयों के साथ डांस करती महिलाएं और कावी कला के जटिल पैटर्न दिखाई दिए, जहां पर्यटन और संस्कृति एक सहज सिम्फनी में घुलमिल गए.
'पर्ल ऑफ द ओरिएंट' के रूप में जाना जाने वाला गोवा प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और विरासत का एक आश्रय स्थल है, जो अपने बीच, हरे-भरे लैंडस्केप, पुरानी दुनिया के आकर्षण और वाइब्रेंट आर्ट्स के लिए प्रसिद्ध है.
दो साल बाद दिखाई देने वाली इस झांकी को आर्टिस्ट सुशांत खेडेकर और पूर्णानंद पेडारकर के नेतृत्व वाली एक टीम ने डिजाइन किया था. कावी कलाकार सागर नाइक मुले ने प्रदर्शन में गोवा का स्पर्श जोड़ने के लिए राज्य की लाल-भूरी लैटेराइट मिट्टी लाई थी.
देवता को जलता हुआ दीपक अर्पित
कर्त्तव्य पथ पर रविवार को घूमने वाली झांकी में गोवा की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक दिवा समारोह जुलूस दिखाया गया. इसमें महिलाएं पांच दिवसीय उपवास अनुष्ठान के दौरान एक औपचारिक जुलूस में पवित्रता और पैतृक संबंधों का प्रतीक मिट्टी का दीपक 'दीवाज' लेकर जाती हैं, और फिर देवता को जलता हुआ दीपक अर्पित करती हैं.
1864 का लाइटहाउस
इस झांकी में 1864 का लाइटहाउस भी दिखाया गया है, जो एशिया के सबसे पुराने लाइटहाउस में से एक है. यह 17वीं सदी के फोर्ट अगुआडा में स्थित है, जो औपनिवेशिक इतिहास को अरब सागर के शानदार नजारों के साथ जोड़ता है.
ड्रीम वेडिंग डेस्टिनेशन
गौरतलब है कि गोवा एक ड्रीम वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है, जो शानदार समुद्र तटों, शानदार रिसॉर्ट्स और भारतीय-पुर्तगाली आकर्षण का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है. जोड़े सुरम्य समुद्र तटीय स्थानों, सुंदर विरासत स्थलों या शानदार रिसॉर्ट्स में से चुन सकते हैं.
अपने सुहावने मौसम, स्वादिष्ट व्यंजनों, वाइब्रेंट परंपराओं और रोमांचक वॉटर स्पोर्ट की चलते गोवा एक अविस्मरणीय उत्सव का वादा करता है. ट्रेंडिंग यॉट वेडिंग्स और फोटोशूट्स तटीय सुंदरता को विलासिता के साथ जोड़ते हैं, जो वास्तव में एक यादगार अनुभव बनाते हैं.
झांकी के लिए संगीत सैश देशपांडे ने तैयार किया था और लाइव डांस परफॉर्मेंस में दिनेश प्रियोलकर के नेतृत्व में कलाकारों की एक टीम ने हिस्सा लिया था. कोरियोग्राफी निषाद ने की थी जबकि वेशभूषा संगीता और अवनी खेडेकर ने डिजाइन की थी.
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