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रेणुकास्वामी हत्या मामला: एक्टर दर्शन को कर्नाटक हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, जेल से रिहा - RENUKASWAMY MURDER CASE

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास को रीढ़ की सर्जरी कराने के लिए चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी.

Renukaswamy Murder Case
कर्नाटक में रेणुकास्वामी हत्या मामले में अभिनेता दर्शन को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत (ETV Bharat karnataka Desk)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2024, 12:20 PM IST

बेंगलुरु:चित्रदुर्ग रेणुकास्वामी हत्या मामले में अभिनेता दर्शन को हाईकोर्ट से छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत मिल गई. स्वास्थ्य जांच के लिए दर्शन की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी ने यह आदेश दिया. इसके साथ ही दर्शन को बल्लारी जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें उचित सुरक्षा के साथ कार में बेंगलुरु लाया जा रहा है। बल्लारी से आंध्र प्रदेश सीमा तक दर्शन को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी. वे अनंतपुर, आंध्र के रास्ते बेंगलुरु जाएंगे.

इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास को रीढ़ की सर्जरी कराने के लिए चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है. दर्शन को रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी के रूप में हिरासत में रखा गया. न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुझाव दिया था कि निजी अस्पताल से रिपोर्ट मांगने के बजाय बेंगलुरु के किसी सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा दूसरी राय ली जा सकती है. याचिकाकर्ता अभिनेता को केवल मैसूर के अस्पताल में ही भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी वी नागेश ने कहा, 'याचिकाकर्ता अभिनेता मैसूर में इलाज कराने जा रहे हैं. याचिकाकर्ता अभिनेता रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित हैं. याचिकाकर्ता अभिनेता न तो बैठ सकते हैं और न ही वजन उठा सकते हैं.

नागेश ने बेल्लारी के सरकारी अस्पताल द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बेल्लारी के अस्पतालों में सर्जिकल उपचार नहीं किया जा सकता. सवाल यह है कि क्या मुझे सरकारी अस्पताल में उपचार करवाना चाहिए या मुझे अपनी पसंद के अस्पताल में उपचार करवाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'अभियोजन पक्ष मुझे किसी खास जगह या किसी खास अस्पताल में इलाज कराने के लिए नहीं कह सकता. मैं अपने खर्च पर किसी ऐसे डॉक्टर से इलाज करा सकता हूं जिस पर मुझे पूरा भरोसा है. वहीं, दूसरी ओर विशेष लोक अभियोजक प्रसन्न कुमार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि डॉक्टरों की राय है कि उपचार (सर्जरी) की तत्काल आवश्यकता नहीं है. इस पर अदालत ने कहा, 'एक बार स्वास्थ्य खराब हो जाने पर उसे वापस नहीं पाया जा सकता. हर कैदी का स्वास्थ्य, चाहे वह विचाराधीन कैदी ही क्यों न हो, महत्वपूर्ण है.

मामले के अनुसार दर्शन पर 33 साल के युवक रेणुकास्वामी के मर्डर का आरोप है. इस मामले में एक आरोपी की गवाही के आधार पर दर्शन कुमार को पुलिस ने 11 जून को हिरासत में लिया था.

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