दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

'सिख गुरु ने जताया गुस्सा', नारायण चौरा के समर्थन में उतरे रवनीत बिट्टू - RAVNEET BITTU

केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला करने वाले नारायण चौरा का समर्थन किया है.

नारायण चौरा के समर्थन में उतरे रवनीत बिट्टू
नारायण चौरा के समर्थन में उतरे रवनीत बिट्टू (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 8, 2024, 3:30 PM IST

चंडीगढ़:शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला करने वाले खालिस्तानी समर्थक नारायण चौरा के समर्थन में केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू आगे आए हैं.साथ ही उन्होंने कहा कि चौरा को सजा देने की बजाय सम्मानित किया जाना चाहिए.

मीडिया से बातचीत में करते हुए उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल ने ईशनिंदा और सौदा साध को माफी देने का अपराध कबूल कर लिया है. इसके बाद सिख गुरु होने के नाते नारायण चौरा भावुक हो गए और उन्होंने बादल पर गोली चला दी. इसलिए उन्हें सजा देने की बजाय सम्मानित किया जाना चाहिए.

'चौरा को समर्थन करे अकाली दल'
रवनीत बिट्टू ने आगे कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब जी का अनादर उनसे (नारायण चौरा) से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर कर दिया. इसलिए शिरोमणि अकाली दल को इस भावना की कद्र करनी चाहिए और नारायण चौरा को सजा देने की बजाय उनका समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अकाली दल को अच्छा वकील नियुक्त करके लाखों करोड़ों खर्च करके भी नारायण चौधरी को रिहा करवाना चाहिए.

'खालिस्तानी एंगल नहीं'
रवनीत बिट्टू ने कहा कि इस मामले को खालिस्तानी पक्ष से जोड़ने की बजाय भावनात्मक रूप से देखने की जरूरत है. अकाली दल पहले से ही बंदी सिखों की लड़ाई लड़ रहा है. अगर नारायण चौधरी को भी जेल भेजा गया तो वह भी बंदी सिखों की गिनती में शामिल हो जाएंगे. इसलिए अकाली दल ने अपने विचार बदले.

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अकाली सरकार के दौरान पंजाब में हुई बेअदबी और डेरा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को गुरु गोबिंद साहिब जी का स्वांग रचने के लिए दी गई माफी को लेकर पिछले दिनों अकाल तख्त साहिब ने सजा का ऐलान किया था.इसके अगले ही दिन चौरा ने सुखबीर बादल पर हमला कर दिया. नारायण चौदा फिलहाल पुलिस रिमांड पर है.

यह भी पढ़ें- एक क्लिक में जानें कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला, जा चुका है जेल और पाकिस्तान

ABOUT THE AUTHOR

...view details