अयोध्याःअयोध्या के राम मंदिर में कौशल्या नंदन राघव की सेवा किसी राजकुमार की तरह ही हो रही है. महल जैसे भव्य मंदिर में उन्हें माता कौशल्या जैसे भोर में रामलला को जगाती थी ठीक वैसे ही रामलला को जगाया जा रहा है. यही नहीं उनका सेवा सत्कार भी बेहद भव्य है. भोर की मंगला आरती से रात की शयन आरती तक उनकी सेवा राजकुमार जैसी होती है.
भोर 4.30 बजे राजकुमार राघव को अर्चक जगाते
भोर 4.30 बजे रामलला को अर्चक विधि विधान से जगाते हैं. यह प्रक्रिया बिल्कुल वैसी ही है जैसे रामलला को माता कौशल्या जगाती थी. इसके बाद अर्चक उनसे आज्ञा लेकर गर्भग्रह परिसर में प्रवेश करते हैं. रामलला को कई तरह से स्नान कराकर स्वर्ण जड़ित आभूषण और मुकुट धारण कराया जाता है. चूंकि राघव अयोध्या के राजकुमार है इसलिए बिना मुकुट के वह दर्शन नहीं दे सकते हैं. इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. राघव की सेवा एक सुकोमल राजकुमार की तरह ही होती है. इस बात का अर्चक विशेष ध्यान रखते हैं.
शृंगार के बाद रामलला को उनकी पसंद का भोग अर्पित किया जाता है. इसमें फल, रबड़ी, खीर, मालपुआ, मक्खन आदि शामिल है. इसके बाद घंटे और घड़ियाल के साथ रामलला की भव्य आरती होती है. पूजन के अंत में रामलला राजकुमार की तरह दान पुण्य भी करते हैं. यह बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे किसी राजा का बेटा दान करता है. इसके बाद उन्हें बाल भोग अर्पित किया जाता है. इसके बाद भक्तों के दर्शन और पूजन का सिलसिला शुरू होता है.