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200 से ज्यादा ट्रेन प्रभावित, सड़क सेवाएं भी ठप, पंजाब बंद के दौरान क्या खुला और क्या बंद? जानें - PUNJAB BANDH

पंजाब के कई हिस्सों में किसानों की ओर से बुलाए गए बंद के कारण लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ. इस दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.

Farmer Protest
विरोध प्रदर्शन करते किसान (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 30, 2024, 12:58 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 7:01 PM IST

चंडीगढ़:केंद्र सरकार कथित तौर पर किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने में विफल रही है. इसके चलते किसान संगठनों ने बंद का ऐलान किया. पंजाब के कई हिस्सों में किसानों की ओर से बुलाए गए बंद के कारण लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ.

बंद की वजह से रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ, राज्य के कई हिस्सों में व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. किसानों ने बंद के आह्वान के तहत विभिन्न सड़कों पर धरना दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ देनी चाहिए और किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए... कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है?? अगर पीए मोदी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं, तो क्या वे 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो..?"

पंजाब बंद के कारण क्या खुला है और क्या बंद?
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि इमरजेंसी और अन्य आवश्यक सर्विस को चालू रहने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर फ्लाइट पकड़ने, नौकरी के लिए इंटरव्यू देने या शादी में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी.पंधेर ने दावा किया, "सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. पंजाबियों ने आज अपनी एकता दिखाई है और वे पूरा समर्थन दे रहे हैं."

उन्होंने कहा, "हम एक सफल बंद देख रहे हैं. ट्रेन सेवाएं भी पूरी तरह से निलंबित हैं और कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही है." फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और फगवाड़ा से नकोदर, होशियारपुर और नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.

किसानों ने पंजाब बंद का आह्वान क्यों किया है?
बता दें कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर सैकड़ों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल सोमवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई.दल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगों पर सहमत नहीं हो जाती, तब तक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है, साथ ही राज्य को जरूरत पड़ने पर केंद्र से सहायता लेने की स्वतंत्रता दी है. बता दें कि SKM (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च कर रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद किसानों ने पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाला लिया.

221 ट्रेनें प्रभावित
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बंद के कारण सोमवार को कुल 221 ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें से 163 को रद्द कर दिया गया और 14 को रीशेड्यूल किया गया है.इन ट्रेनों में वंदे भारत और शताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल हैं. इस बीच निजी बस ऑपरेटरों ने पीआरटीसी बस सेवाओं के चार घंटे के बंद के लिए अपना पूर्ण समर्थन घोषित किया

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Last Updated : Dec 30, 2024, 7:01 PM IST

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