नई दिल्ली:प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को अपनी दिल्ली यात्रा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह शनिवार को नई दिल्ली पहुंचेंगी और बाद में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी. कई नेताओं में से हसीना ही वह पहली हैं जिन्होंने पीएम मोदी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. इस साल जनवरी में राष्ट्रीय चुनावों में जीत के बाद यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक यात्रा होगी.
मोदी 8 जून को रात 8 बजे शपथ ले सकते हैं क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने लोकसभा चुनावों में 293 सीटें जीती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को 18वीं लोकसभा चुनावों में एनडीए की जीत के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बधाई दी. प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रधानमंत्री को बधाई देने वाले पहले विदेशी नेताओं में से एक थीं, जो दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी और व्यक्तिगत तालमेल को दर्शाता है.
दोनों नेताओं ने विकसित भारत 2047 और स्मार्ट बांग्लादेश 2041 के विजन को हासिल करने की दिशा में नए जनादेश के तहत ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को और गहरा करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने का संकल्प लिया. उन्होंने पिछले दशक में दोनों देशों के लोगों के जीवन में हासिल किए गए महत्वपूर्ण सुधारों को स्वीकार किया. इसके साथ ही आर्थिक और विकास साझेदारी, ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल लिंकेज सहित कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क सहित सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी संबंधों को और बढ़ाने की उम्मीद जताई.
शेख हसीना की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
चीन की बढ़ती मुखरता के मद्देनजर हसीना की भारत यात्रा महत्वपूर्ण है और उनकी यात्रा दोनों नेताओं के लिए संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर होगी. दरअसल, हसीना के जुलाई में चीन की यात्रा करने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश इस समय महंगाई की मार झेल रहा है. हालांकि, बांग्लादेश की पीएम हसीना पीएम मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान वस्तुओं के व्यापार, आयात और निर्यात पर चर्चा कर सकती हैं. बांग्लादेश द्वारा भारत में आयात की जाने वाली कुछ आवश्यक वस्तुओं में किसी भी तरह की बाधा से पड़ोसी देश में मुद्रास्फीति और बढ़ सकती है.
उनकी यात्रा की सबसे बड़ी प्राथमिकता तीस्ता नदी जल बंटवारे पर चर्चा होगी, जिसका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्सर विरोध करती हैं. बनर्जी ने इस आम चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने 29 सीटें जीती हैं. दरअसल, ममता बनर्जी ने चुनाव के नतीजों के बाद मोदी की आलोचना की थी और लोकसभा सीटों में बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद उनके इस्तीफे की मांग की थी. उन्होंने भारत ब्लॉक को अपना पूरा समर्थन दिया, जिससे तीस्ता नदी जल मुद्दा और भी जटिल हो गया है. नदी जल बंटवारे पर नई दिल्ली और कोलकाता के बीच संभावित सुलह भी अब मुश्किल लग रही है.