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'करारा जवाब मिलेगा...', PM मोदी ने आतंकी समूहों को दी चेतावनी, मुंबई हमले के पीड़ितों को किया याद

पीएम मोदी ने देशावासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं और 26/11 मुंबई हमले पीड़ितों को भी याद किया

पीएम मोदी
पीएम मोदी (@BJP4India)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2024, 7:31 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 9:32 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को 'करारा जवाब' देने का वादा किया है. इस दौरान पीएम मोदी ने देशावासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत के संविधान का ये 75वां साल पूरे देश के लिए एक असीम गौरव का दिवस है. मैं आज भारत के संविधान को, संविधान सभा के सभी सदस्यों को आदरपूर्वक नमन करता हूं.

उन्होंने कहा, "हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की बरसी भी है, जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. मैं देश के संकल्प को भी दोहराना चाहता हूं - भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकी संगठनों को करारा जवाब मिलेगा."

समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे थे आतंकी
प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में अपने संबोधन के दौरान कहा कि इसी दिन 2008 में पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे और ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस सहित कई हाई-प्रोफाइल स्थानों पर हमले किए. भारतीय धरती पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो गए.

पीएम ने कहा, "हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे.... वे जानते थे कि आजाद भारत की और भारत के नागरिकों की जरूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी. इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा... बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया."

'मैंने मर्यादा में रहने का प्रयास किया'
पीएम ने मुस्कुराते हुए कहा, "संविधान ने मुझे जो काम दिया है, मैंने उसकी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है. मैंने कोई अतिक्रमण की कोशिश नहीं की है...(मैंने संविधान द्वारा मुझे सौंपे गए कार्य की सीमा के भीतर काम करने की कोशिश की है. मैंने किसी अतिक्रमण का प्रयास नहीं किया है)". अपनी टिप्पणी के बारे में विस्तार से बताए बिना, पीएम ने आगे कहा, “मैंने अपनी मर्यादाओं को संभालते हुए अपनी बात को रखा है. यहां तो इशारा ही करना होता है. ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है.''

पीएम मोदी ने 1975 की इमरजेंसी का किया जिक्र
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने 1975 में घोषित इमरजेंसी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हमने देश में आपातकाल देखा है - हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना किया है. यह संविधान की ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह लागू है. आज पहली बार वहां (जम्मू-कश्मीर में) संविधान दिवस मनाया जा रहा है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज यह आसान लगता है कि लोगों के पास नल का पानी है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी केवल 3 करोड़ घरों में यह सुविधा थी... संविधान की ओरिजिनल कॉपी में भगवान राम, माता सीता... की तस्वीरें हैं." उन्होंने कहा, "भारतीय संस्कृति के प्रतीक चित्र इसलिए हैं ताकि वे हमें मानवीय मूल्यों की याद दिला सकें. ये मानवीय मूल्य आज के भारत की नीतियों और निर्णयों की नींव हैं."

इस कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कपिल सिब्बल समेत कई अन्य लोग शामिल हुए.

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Last Updated : Nov 26, 2024, 9:32 PM IST

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