नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित किया. यह कार्यक्रम कुछ महीनों के अंतराल के बाद एक बार फिर से शुरू हो गया है. विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे. 'मन की बात' के जरिए मैं एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवार के सदस्यों के बीच आया हूं. मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद मैं आपसे फिर मिलूंगा और आज मैं फिर से मन की बात के साथ आपके बीच आया हूं. मानसून के आगमन ने आपके दिल को भी खुश कर दिया है.'
प्रधानमंत्री ने कहा,' आज 30 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को हुल दिवस के रूप में मनाते हैं. यह दिन वीर सिद्धू और कान्हू के साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया. उन्होंने हजारों संथाली साथियों को एकजुट किया और अंग्रेजों से बहादुरी से मुकाबला किया. यह 1855 में हुआ था, यानी 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से दो साल पहले.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा,'इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर 'एक पेड़ मां के नाम' नाम से एक विशेष अभियान शुरू हुआ है. मैंने भी अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाया है और मैंने सभी देशवासियों से अपील की है कि वे अपनी मां के साथ या उनके नाम पर एक पेड़ लगाएं. मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे मां. हम सबके जीवन में 'मां' का दर्जा सबसे ऊंचा होता है. मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है. हर मां अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है. जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता.'