श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सज्जाद लोन की पार्टी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की माने तो वहां नौकरी के अवसरों और पासपोर्ट संबंधी मंजूरी प्राप्त करने के लिए सख्त पुलिस सत्यापन प्रक्रिया (वेरीफिकेशन प्रोसेस) से गुजरना पड़ता है. इन सब बातों को देखते हुए पार्टी इस तरह की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है.
बता दें कि, 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर जस्टिस पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद सज्जाद लोन ने एक्स पोस्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक हिस्से को उजागर किया, जिसमें तोड़फोड़ को परिवार के खिलाफ 'सामूहिक दंड' कहा गया है.
सज्जाद लोन ने एक्स पर लिखा, किसी रिश्तेदार का पुलिस रिकॉर्ड खराब होने के कारण प्रतिकूल पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र भी परिवार के खिलाफ सामूहिक दंड है. पार्टी प्रवक्ता अदनान अशरफ ने ईटीवी भारत से पुष्टि की कि वे विवरण एकत्र कर रहे हैं और अगले कुछ हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए वकीलों से बातचीत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरियों और पासपोर्ट में मंजूरी पाने के लिए सख्त पुलिस सत्यापन एक तरह से 'सामूहिक दंड' है.किसी व्यक्ति को उसके अपराध के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, लेकिन उसके परिवार या कबीले के किसी अन्य सदस्य के लिए नहीं. लेकिन इस प्रक्रिया ने पिछले पांच सालों में कश्मीर में समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित किया है.
उनके अनुसार, योग्यता के आधार पर भर्ती होने के बावजूद कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है, जबकि लोगों को पुलिस से मंजूरी लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए यात्रा दस्तावेज दिए जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, वे पुलिस सत्यापन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसका दायरा होना चाहिए. केवल एक व्यक्ति का सत्यापन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'वर्तमान प्रक्रिया के विपरीत जहां मेरे बेटे या बेटी को उनके पिता द्वारा किए गए अपराध के लिए मंजूरी देने से मना कर दिया जाता है.'
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