नई दिल्ली: ऐसे समय में जब चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रसार हो रहा है. ऐसे समय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में कहीं भी HMPV से संबंधित इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में कहा, "मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है. इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के डेटा से देश में कहीं भी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI)/गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं दिखती है और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के निगरानी डेटा से भी इसकी पुष्टि होती है."
जाधव ने बताया कि 29 जनवरी 2025 तक आईडीएसपी पोर्टल पर कुल 59 मामले दर्ज किए गए हैं और दो मौतें सह-रुग्णता के कारण हुई हैं. स्थिति से अवगत स्वास्थ्य मंत्रालय ने एचएमपीवी स्थितियों की नियमित निगरानी के लिए 6 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ओपरेशन सेंटर (PHEOC) को भी एक्टिव कर दिया है.
उन्होंने कहा, "दैनिक स्थिति रिपोर्ट (SitRep) संबंधित हितधारकों के साथ साझा की जाती है." पिछले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि हाल के हफ्तों के दौरान तीव्र श्वसन संक्रमण में वृद्धि हुई है और मौसमी इन्फ्लूएंजा, राइनोवायरस, आरएसवी और एचएमपीवी का पता लगाना, विशेष रूप से चीन के उत्तरी प्रांतों में भी बढ़ गया है.
मानव मेटान्यूमोवायरस
WHO के अनुसार HMPV एक आम श्वसन वायरस है, जो सर्दियों से लेकर वसंत तक कई देशों में फैलता है, हालांकि सभी देश नियमित रूप से HMPV के डेटा का परीक्षण और प्रकाशन नहीं करते है. कुछ मामलों में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के साथ अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. HMPV से संक्रमित अधिकांश लोगों में सामान्य सर्दी के समान हल्के ऊपरी श्वसन लक्षण होते हैं और कुछ दिनों के बाद ठीक हो जाते हैं.
WHO की फाइंडिंग्स
HMPV पर अपनी रिपोर्ट में WHO ने कहा कि उत्तरी गोलार्ध के कई देशों में वर्ष के इस समय में तीव्र श्वसन संक्रमण के रुझान बढ़ जाते हैं.ये वृद्धि आम तौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा, श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV), और अन्य सामान्य श्वसन वायरस जैसे श्वसन रोगजनकों की मौसमी महामारी के कारण होती है, जिसमें मानव मेटान्यूमोवायरस, साथ ही माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया शामिल हैं.
भारत में HMPV के मामले
IDSP के अनुसार 6 जनवरी 2025 से 29 जनवरी 2025 की अवधि तक भारत में 59 एचएमपीसी मामलों का पता चला है, जिसमें तमिलनाडु में 17, गुजरात में 11, पुडुचेरी में 9, असम और दिल्ली में 6-6, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 2-2, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 1-1 शामिल हैं.
भारत में अलर्ट जारी
भारत ने भी एचएमपीवी के मुद्दे पर अलर्ट जारी किया है. जाधव ने कहा, "राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने और अस्पताल में भर्ती SARI मामलों के श्वसन नमूनों के सकारात्मक नमूनों के टेस्ट और सिक्वेंल के लिए नामित वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (VRDLs) में भेजने की सलाह दी गई है."
उन्होंने कहा कि भारत में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और SARI के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्क दोनों के माध्यम से मौजूद है. मंत्री ने बताया, "राज्यों को वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों के बीच सूचना, शिक्षा और संचार और जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है, जैसे कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, बिना धुले हाथों से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना, बीमारी के लक्षण वाले लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना, खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना आदि."
जाधव के अनुसार सरकार ने पूरे देश में तैयारी का अभ्यास किया और यह सुनिश्चित किया कि स्वास्थ्य प्रणाली मौसमी श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है. मंत्री ने बताया, "सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, संयुक्त निगरानी समूह के स्तर पर विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें हुईं और भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की स्थिति और एचएमपीवी मामलों की स्थिति की समीक्षा की गई.
यह भी पढ़ें- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया: टूरिज्म एक्सपर्ट्स