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आईआईटी दिल्ली में लागू होगा नया सिलेबस, बीटेक-एमटेक में होगी AI और ग्रीन एनर्जी जैसे विषयों की पढ़ाई - NEW SYLLABUS IN IIT DELHI

आईआईटी दिल्ली में नए सत्र से कई नए कोर्स शुरू हो रहे हैं. इनमें बीटेक, एमटेक, एमएससी, एमए, एमबीए, और पीएचडी जैसे कोर्स शामिल हैं.

आईआईटी दिल्ली में लागू होगा नया सिलेबस
आईआईटी दिल्ली में लागू होगा नया सिलेबस (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 29, 2025, 9:55 PM IST

नई दिल्ली:आईआईटी दिल्ली में नए सत्र 2025-26 से नवीन पाठ्यक्रम में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. आईआईटी दिल्ली के 67वें स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नया पाठ्यक्रम तैयार है और नई शिक्षा नीति पर आधारित है. इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की रिसर्च इम्पैक्ट रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. प्रो. बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली का पाठ्यक्रम कमोबेश नई शिक्षा नीति पर आधारित है. लेकिन, सस्टेनबिलिटी पर आधारित कुछ बातें नहीं थीं, जिन्हें शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली में कई शोध और स्टार्टअप के कार्य हो रहे हैं.

रिसर्च इम्पैक्ट रिपोर्ट पेश : इन कार्यों को लोगों के सामने लाने के लिए रिसर्च इम्पैक्ट रिपोर्ट पेश की गई है. इसमें इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस का दर्जा मिलने के बाद 2018 से 2024 तक हुए कार्यों को इसमें समाहित किया गया है. रिपोर्ट एसवीपी, सिलिकान डिजाइन इंजीनियरिंग, एएमडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कंट्री हेड जया जगदीश और प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने जारी की.

आईआईटी दिल्ली में हर साल 150 से 200 पेटेंट फाइल :उन्होंने बताया कि पिछले सात वर्षों में आईआईटी दिल्ली में फैकल्टी और पूर्व छात्रों द्वारा एग्रीटेक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंक्स, आइटी, साइबर सिक्योरिटी, आटोमोटिव, बायो-टेक, हेल्थकेयर- मेड-टेक, ईवी- ई-मोबिलिटी, ड्रोन, स्पेस टेक्नोलाजी, सस्टेनेबिलिटी और कई अन्य क्षेत्रों में 147 स्टार्टअप तैयार किए गए हैं. आईआईटी दिल्ली में हर साल 150 से 200 पेटेंट फाइल किए जाते हैं. इस वर्ष 147 भेजे गए थे, जिनमें से 90 ग्रांट हुए हैं. उन्होंने बताया कि संस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए हेफा से 645 करोड़ का लोन लिया गया है.

बीटेक-एमटेक में होगी AI और ग्रीन एनर्जी जैसे विषयों की पढ़ाई (ETV BHARAT)

बीटेक और एमटेक में जोड़े जाएंगे ये सब्जेक्ट :संस्थान के निदेशक ने बताया कि बीटेक और एमटेक के पहले वर्ष में सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण फ्रेंडली, ग्रीन एनर्जी, एआई, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, स्टार्टअप जैसे कि नए सब्जेक्ट को जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि आईआईटी फ्यूचर स्नातक के साथ फ्यूचर सिटीजन भी तैयार करेगा. नया पाठ्यक्रम टेक्नोलाॅजी और उद्योगी की मांग पर आधारित होगा. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय की एक प्रमुख तकनीक बन चुकी है. इसके अध्ययन से छात्रों को डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और स्मार्ट सिस्टम के बारे में गहरी समझ मिलेगी.

आईआईटी दिल्ली में लागू होगा नया सिलेबस (ETV BHARAT)

अनुसंधान और स्टार्टअप्स में भी वृद्धि :आईआईटी दिल्ली न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि अनुसंधान और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रहा है. संस्थान में अब तक कुल 147 स्टार्टअप्स तैयार किए जा चुके हैं, जो विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. इनमें मेडिकल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्सटाइल और कई अन्य तकनीकी क्षेत्र शामिल हैं. इन स्टार्टअप्स के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक दुनिया से जुड़ने और अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने का मौका मिलता है. इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली के शोध कार्यों ने भी कई वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने में मदद की है, जो समाज के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं.


रिपोर्ट में उल्लेखित किए गए विशेष कार्य

कोविड-19 के दौरान पांच अमेरिकी डालर से कम लागत वाली टेस्ट किट लांच की

भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उन्नत बैलिस्टिक और अधिक तापमान झेलने के लिए बाडी आर्मर,

एके-47 और स्नाइपर राइफलों से 7.62 मिमी कवच भेदी प्रोजेक्टाइल को निष्प्रभावी करने के लिए हल्का बाडी आर्मर तैयार किया.

2018 से 2024 के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित 271 अंतरराष्ट्रीय सहयोग अनुसंधान परियोजनाएं शुरू की गईं.

आईआईटी दिल्ली ने अबू धाबी में एक नया परिसर शुरू किया है. पहला एमटेक कार्यक्रम 29 जनवरी 2024 को शुरू हुआ.

दो बीटेक कार्यक्रम (ऊर्जा इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) दो सितंबर 2024 को शुरू हुए.

उन्नत संचार: फाइबर आधारित क्वांटम सुरक्षित संचार, उन्नत टीएचजेड डिटेक्टर और स्रोत डिवाइस टेक्नोलाजी (6G और उससे आगे)

मेडटेक-हेल्थकेयर: पार्किंसंस रोग के रोगियों में स्वतंत्र गतिशीलता को सशक्त बनाना,

स्ट्रोक रिकवरी में ऊपरी अंग की रिकवरी के लिए अभिनव एक्सोस्केलेटन, श्रवण स्क्रीनिंग डिवाइस को तैयार किया

इसके अलावा रोगज़नक़ का पता लगाने के लिए बायोसेंसर

घुटने के जोड़ की गतिशीलता के मूल्यांकन के लिए एमआरआई, पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस भी बनाई.

रोगी विशिष्ट सर्जिकल गाइड, डेंटल इम्प्लांट, संक्रमण को रोकने के लिए हाई परफार्मेंस वाले वायरस रोधी कपड़ा भी तैयार किया.

आईआईटी दिल्ली में शुरू होने वाले नए कोर्स:

बीटेक और एमटेक में नया सिलेबस

  • डिजाइन और नवाचार में बीटेक
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता में दोहरी डिग्री
  • डेटा विज्ञान और साइबर सुरक्षा में एमटेक
  • सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर (एमपीपी)
  • प्रौद्योगिकी प्रबंधन में कार्यकारी एमबीए
  • डिज़ाइन में बीटेक

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