हैदराबादः भारत कई भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है. यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं. हिंदी भाषा देश के आधे से ज्यादा हिस्से को जोड़ती है. भले ही अंग्रेजी का प्रचलन बढ़ा हो, लेकिन हिंदी ज्यादातर भारतीयों की मातृभाषा है. हालांकि हिंदी को भारत में राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला है, लेकिन आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी की अपनी एक खास पहचान है. हिंदी भाषा भारतीयों के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भी जोड़ती है. हिंदी भारत की पहचान और गौरव दोनों है. हिंदी को लेकर दुनिया भर के तमाम देशों में रहने वाले भारतीयों को एकजुट करने के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है.
हिंदी दिवस मनाने का इतिहास:
हिंदी दिवस मनाने की आधिकारिक शुरुआत 14 सितंबर 1953 को हुई थी. 1953 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर संसद भवन में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. तब से लेकर अब तक हर साल इस दिन को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जाने लगा. आपको बता दें कि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है, इस तरह भारत में हिंदी दिवस दो बार मनाया जाता है.
सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा: वैश्विक हिंदी शोध संस्थान, देहरादून ने अपने शोध रिपोर्ट 2023 के 19वें संस्करण की जानकारी देते हुए बताया कि अब हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है. वैश्विक हिंदी शोध संस्थान, देहरादून के भाषाविज्ञान शोधकर्ता एवं महानिदेशक डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल ने इस बात को संदेह से परे साबित कर दिया कि हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है. हालांकि भाषा रैंकिंग संस्था “एथनोलॉग” हिंदी को तीसरे स्थान पर दिखाती है, जो सही नहीं है.
इस शोध की प्रामाणिकता साबित करने के लिए 31 चरणों में इसकी जांच की गई, जिसमें विश्वविद्यालयों में विद्वानों द्वारा इस शोध पर चर्चा की गई, इस उद्देश्य के लिए आयोजित विशेष संगोष्ठियों में तथ्यों की जांच की गई और भाषा अधिकारियों द्वारा इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की गई. भाषाविदों और हिंदी विद्वानों के विचार/राय मांगे गए. इन सभी चरणों में यह शोध प्रामाणिक साबित हुआ है. इस आधार पर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी सरकारी बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं को निर्देश दिए थे कि इस शोध को सभी हिंदी कार्यशालाओं/सेमिनारों में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए और इसे उनकी गृह पत्रिकाओं में भी प्रकाशित किया जाए.
एथनोलॉग द्वारा रैंकिंग: दुनिया में भाषाओं की रैंकिंग प्रतिष्ठित अमेरिकी संगठन "एथनोलॉग" द्वारा की जा रही है. एथनोलॉग, हिंदी को भाषा बोलने/जानने वाले लोगों की संख्या के मामले में तीसरी सबसे बड़ी भाषा के रूप में स्थान दे रहा है, जबकि तथ्य यह है कि हिंदी सभी पहलुओं में दुनिया में पहले स्थान पर रहने की हकदार है.