हैदराबाद :लड़कियों को सशक्त बनाने और समाज में उनके सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. सरकार ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस घोषित किया, जो पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा के शपथ ग्रहण की तारीख है. इंदिरा देश में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला थीं. यह लड़कियों के अधिकारों और अवसरों का समर्थन करते हुए उनकी ताकत, दृढ़ता और क्षमता का सम्मान करने का दिन है. शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल के मामले में समान अवसर, पोषण और अन्य क्षेत्र ऐसे अधिकार हैं जिनका आनंद हर बच्चे, पुरुष या महिला, को मिलता है. राष्ट्रीय बालिका दिवस के माध्यम से, सरकार भारत में लड़कियों को समान अवसर प्रदान करना और उनका समर्थन करना चाहती है.
2008 में पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में महिला विकास मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का निर्णय किया गया. राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन का उद्देश्य लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज के मुख्य धारा में शामिल करना है. बता दें कि इंदिरा गांधी भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी थीं. वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जो इस पद पर 3 बार रहीं. इनका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था. 31 अक्टूबर 1984 को पीएम पद पर रहते हुए उनकी हत्या कर दी गई थी.
इंदिरा गांधी की शिक्षा
- इकोले नौवेल्ले. बेक्स (स्विट्जरलैंड)
- इलोले इंटरनेशन, जिनेवा
- प्यूपिल्स ओन स्कूल, बंबई
- बैंडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल
- विश्व भारती, शांति निकेतन
- मसरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड
- विश्व के कई विश्व विद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित
- कोलंबिया विश्वविद्यालय से विशेष योग्यता प्रमाण पत्र
इंदिरा गांधी के जीवन के महत्वपूर्ण पल
- 26 मार्च 1942 को इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी से विवाह बंधन में बंध गईं.
- 1955 में कांग्रेस कार्यसमिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य चुनी बनीं,
- 1956 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं.
- 1956 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष चुनीं गई.
- 1958 में कांग्रेस संसदीय बोर्ड की सदस्य बनीं.
- 1959-1960 तक कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं.
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1978 में उन्होंने फिर से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं.