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जानें, कैसे हुई थी नाबार्ड की स्थापना, देश के विकास में क्या है इसका योगदान - NABARD Foundation Day 2024

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 11, 2024, 4:40 AM IST

NABARD Foundation Day: सूचना-तकनीक के क्षेत्र में लगातार बदलाव के बीच नबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में अपने स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर लक्षित आबादी/समूहों के विकास के लिए वित्तीय, गैर वित्तीय, तकनीक, टेक्नीकल सपोर्ट सहित अन्य संसाधनों से राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान जारी रख सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

NABARD Foundation Day
नाबार्ड स्थापना दिवस (Getty Images/ nabard)

हैदराबादःराष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक जिसका संक्षिप्त नाम नाबार्ड है. यह भारत की लीड विकास बैंक है. ग्रामीण विकास, कृषि, स्वरोजगार सहित व्यापक विकास की परिकल्पना के साथ संसद के अधिनियम के तहत 12 जुलाई 1982 को नाबार्ड अस्तित्व में आया था. इसके बाद से देश के विकास में यह लगातार तेजी से काम कर है. देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में नबार्ड के योगदान को रेखांकित करने के लिए हर साल 12 जुलाई को नाबार्ड स्थापना दिवस मनाया जाता है.

विकास वित्त संस्था के रूप में नाबार्ड 5वें दशक में प्रवेश कर चुका है. देश में ऋण वितरण में व्याप्त असमानताएं, खासकर महिलाएं, लधु व सीमांत किसान की इस समस्या नाबार्ड ने काफी हद तक हल किया है. नाबार्ड ने 16.2 करोड़ ग्रामीण परिवार की महिलाओं को नाबार्ड ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सशक्तीकरण किया है. नाबार्ड सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है. नाबार्ड भारत सरकार के सहयोग से प्राथमिक कृषि ऋण साख समितियां (पैक्स) का कम्प्यूटरीकरण के लिए लगातार काम कर रहा है. अगले 5 साल में 63,000 पैक्सों के कम्प्यूटरीकरण का लक्ष्य रखा गया है.

ग्रामीण आधारभूत संरचानाओं के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड की ओर राज्य सरकार को 5 लाख करोड़ की संचयी राशि आवंटित की गई है. इसके तहत कृषि, ग्रामीण संपर्क व ग्रामीण क्षेत्र की 7.7 लाख से अधिक परियोजनाएं शामिल है. आधारभूत संरचना निधि जिसे आरआईडीएफ से 376 लाख हेक्टेयर की संचाई क्षमता का सृजन किया गया. 5.4 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण, 13.3 लाख मीटर के ग्रामीण पुलों का निर्माण किया गया है. वहीं 3,092.2 करोड़ व्यक्ति दिवसों के लिए रोजगार का सृजन किया गया.

नाबार्ड के बारे में रोचक तथ्य-

  1. भारत के कुल ग्रामीण बुनियादी ढांचे का पांचवां हिस्सा नाबार्ड ने वित्तपोषित किया है.
  2. नाबार्ड स्थायी जलवायु संरक्षण के लिए एक उपकरण के रूप में वाटरशेड विकास के लिए काम कर रहा है.
  3. भारत सरकार की ओर कुल परियोजना लागत के एक बड़े हिस्से को सब्सिडी देकर किसानों को चुनिंदा सेक्टर में परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
  4. नाबार्ड प्रायोजित परियोजनाओं का उद्देश्य पूंजी निवेश, निरंतर आय प्रवाह व राष्ट्रीय महत्व के रोजगार क्षेत्रों को बढ़ाना है.

कई प्रमुख योजनाओं में गौरवशाली चैनल पार्टनर रहा है नाबार्ड

  1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन
  2. ब्याज अनुदान योजना
  3. नया कृषि विपणन बुनियादी ढांचा
  4. डेयरी उद्यमिता विकास योजना
  5. जैविक इनपुट की वाणिज्यिक उत्पादन इकाइयां
  6. कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना
  7. जीएसएस - जारी की गई सब्सिडी का अंतिम उपयोग सुनिश्चित करना

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